Mohan Bhagwat को ‘राष्ट्रवाद’ शब्द से आपत्ति, कहा – न करें इसका इस्तेमाल
नई दिल्ली : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने ‘राष्ट्रवाद’ (Nationalism) शब्द पर आपत्ति जताई है। मोहन भागवत का कहना है कि राष्ट्रवाद शब्द का मतलब हिटलर या नाजीवादी होता है, अतः इसका इस्तेमाल न करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के बदले राष्ट्र (Natioan) या फिर राष्ट्रीय (Nationality) जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
‘राष्ट्रवाद’ के बदले राष्ट्र या राष्ट्रीय शब्दों का करें इस्तेमाल
दरअसल मोहन झारखण्ड (Jharkhand) के रांची (Ranchi) में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) की यात्रा में आरआरएस कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान पता चला कि बातचीत में शब्दों के अर्थ भिन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि नेशनलिज्म (Nationalism) शब्द का अर्थ हिटलर, नाजीवाद, फासीवाद के तौर पर लिया जाता है, इसीलिए इस शब्द का उपयोग न कीजिये। उन्होंने कहा कि इसके बदले आप अगर नेशनल (National) कहेंगे चलेगा, नेशनलिटी कहेंगे चलेगा।
किसी राष्ट्र का महाशक्ति बनना खतरनाक : Mohan Bhagwat
उन्होंने आगे कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में किसी राष्ट्र का महाशक्ति (Super Power) बनने का अर्थ है, पूरी दुनिया के संसाधनों का अपने लिए उपयोग करना। महाशक्ति बनने के बाद कोई भी देश इस तरह के प्रयास करता है, जिससे दुनिया में प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष रूप से उसका ही शासन चले। सारी दुनिया पर फिर अपने ही विचारों को थोपने और अपने ही रंग में रंगने में कोशिश करते हैं, और इसीलिए लोग ऐसा सोचते हैं कि राष्ट्र का महाशक्ति बनना खतरनाक होता है।
शब्दों के वैश्विक असर पर ध्यान देने की जरुरत : भागवत
राष्ट्रवाद शब्द पर और अधिक प्रकाश डालते हुए भागवत ने कहा कि हिंदी के नज़रिये से भले ही राष्ट्रवाद शब्द का अर्थ बुरा न हो, लेकिन अंग्रेजी में इसका अर्थ हिटलर, नाजीवाद, फासीवाद के तौर पर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि आज के बदलते परिवेश में हमें शब्दों के अर्थ का वैश्विक असर का भी ध्यान रखना चाहिए, इसलिए राष्ट्रवाद शब्द से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के बदले राष्ट्र या फिर राष्ट्रीय जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए।