पीएम मोदी ने कहा नई शिक्षा नीति ‘व्हाट टू थिंक’ पर नहीं ‘हाऊ टू थिंक’ पर बल देती है
नई दिल्ली : आज शुक्रवार को पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति पर अपनी बता रखी। पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें ‘व्हाट टू थिंक’ पर फोकस रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में ‘हाऊ टू थिंक’ पर बल दिया जा रहा है। बता दे कि हाल ही में देश को नई शिक्षा नीति मिली।
जहां नई शिक्षा नीति के साथ अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय रख दिया गया है। इससे पहले, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ड्राफ्ट 2019 में ही तैयार कर लिया गया था, जिसकी मंजूरी बुधवार, 29 जुलाई 2020 को दी गयी है। इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी और 1992 में संशोधित की गई थी। ये नई नीति लगभग तीन दशक बाद मिली है। बदलावों को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति की आवश्यकता है।
नई शिक्षा नीति पर पीएम मोदी ने कहा
- आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपनी राय दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रिव्यु कर रहे हैं। ये एक हेल्दी डिबेट है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इम्प्लिमेंटेशन से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इसलिए आपकी भूमिका बहुत ज्यादा अहम है। जहां तक राजनीतिक इच्छाशक्ति की बात है, मैं पूरी तरह कमिटेड हूं, मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी नेशनल वैल्यूज़ के साथ जोड़ते हुए, अपने नेशनल गोल्स के अनुसार रिफॉर्म करते हुए चलता है। मकसद ये होता है कि देश की शिक्षा व्यवस्था, अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को फ्यूचर रेडी रखे, फ्यूचर रेडी करे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार भी यही सोच है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की, नए भारत की फाउंडेशन तैयार करने वाली है: PM मोदी
- बीते अनेक वर्षों से हमारे शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव नहीं हुए थे।परिणाम ये हुआ कि हमारे समाज में जिज्ञासा और कल्पना की वैल्यूज़ प्रमोट करने के बजाय भेड़ चाल को प्रोत्साहन मिलने लगा था: PM मोदी
- आज गुरुवर रबीन्द्रनाथ ठाकुर की पुण्यतिथि भी है। वो कहते थे – “उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है।” निश्चित तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बृहद लक्ष्य इसी से जुड़ा है: PM मोदी
- इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है। ये एक बहुत बड़ी वजह है जिसकी वजह से जहां तक संभव हो, पांचवी तक, बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर सहमति दी गई है: PM मोदी
- अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें ‘व्हाट टू थिंक’ पर फोकस रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में ‘हाऊ टू थिंक’ पर बल दिया जा रहा है। ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज जिस दौर में हम हैं, वहां इन्फोर्मेशन और कंटेट की कोई कमी नहीं है: PM मोदी
- अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए इन्क्वायरी बेस्ड, डिस्कवरी बेस्ड, डिस्कशन बेस्ड और एनालिसिस बेस्ड तरीकों पर जोर दिया जाए। इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनका पार्टिसिपेशन भी बढ़ेगा: PM मोदी
- उच्च शिक्षा को स्ट्रीम्स से मुक्त करने, मल्टीपल एंट्री और एग्ज़िट, क्रडिट बैंक के पीछे यही सोच है। हम उस युग की तरफ बढ़ रहे हैं जहां कोई व्यक्ति जीवन भर किसी एक प्रोफेशन में ही नहीं टिका रहेगा। इसके लिए उसे निरंतर खुद को रि-स्किल और अप-स्किल करते रहना होगा: PM मोदी
- जब गांवों में जाएंगे, किसान को, श्रमिकों को, मजदूरों को काम करते देखेंगे, तभी तो उनके बारे में जान पाएंगे, उन्हें समझ पाएंगे, उनके श्रम का सम्मान करना सीख पाएंगे। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र शिक्षा और श्रम की गरिमा पर बहुत काम किया गया है: PM मोदी
- जब संस्थान और इंफ्रास्ट्रक्चर में भी ये रिफॉर्म्स रिफ्लेक्ट होंगे, तभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा। अच्छी क्वालिटी की शिक्षा का रास्ता इन दोनों मतों के बीच में है। इससे क्वालिटी को प्रोत्साहन मिलेगा: PM मोदी
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अमल में लाने के लिए हम सभी को एकसाथ संकल्पबद्ध होकर काम करना है। यहां से विश्विद्यालय, कॉलेज, स्कूल शिक्षा बोर्ड, अलग-अलग राज्यों, अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ संवाद और समन्वय का नया दौर शुरु होने वाला है: PM मोदी
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ सर्कुलर जारी करके, नोटिफाई करके लागू नहीं होगी। इसके लिए मन बनाना होगा, आप सभी को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी। भारत के वर्तमान और भविष्य को बनाने के लिए आपके लिए ये कार्य एक महायज्ञ की तरह है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी