नई दिल्ली: Punjab Politics: पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच पंजाब में कांग्रेस पार्टी का रोष थम नहीं रहा है। बीते कई दिनों कांग्रेस में आपसी मन-मुटाव देखने को मिल रहा है पार्टी का आपस का ही सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के इनचार्ज हरीश रावत को अमरिंदर सिंह को हटाने के लिए मनाने में असफल रहे है। हालांकि, अनुरोध स्वरूप हरीश रावत पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ प्रदेश कांग्रेस में बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
विधानसभा सत्र में उठी फ्लोर टेस्ट की मांग
बता दें, इस सियासी घमासान बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने आ गए हैं। वहीं विपक्षी पार्टी आप ने आगामी राज्य विधानसभा सत्र में फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने विपक्ष के नेता हरपाल चीमा के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ शक्ति जाँच की मांग की।
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सीएम अमरिंदर सिंह पर कई वादों को पूरा नहीं करने का आरोप
दरअसल, प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्यपाल को एक पत्र सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी “टुकड़ों में बंट गई है।” सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की आंतरिक लड़ाई की वजह से पंजाब कांग्रेस अस्तव्यस्त ही गई है। पंजाब के कई मंत्रियों और विधायकों ने पंजाब सीएम को बदलने की मांग भी उठायी है। मंत्रियों और विधायकों का कहना है कि सीएम अमरिंदर सिंह ने कई वादे पूरे नहीं किए, जिसकी वजह से उनका विश्वास मुख्यमंत्री पर से उठ गया है। जिसके बाद पार्टी में कई और विवाद भी शुरू हो गए है।