17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं Ram Mandir पर फैसला सुनाने वाले Ranjan Gogoi
नई दिल्ली : Supreme Court के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। रंजन गोगोई अपने रिटायर होने से पहले कई अहम फैसले सुना चुके हैं। बता दें कि रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 को अपना पद संभालते हुए भारत के 46वें मुख्य न्यायघीश बने थे।
रंजन गोगोई का जन्म असम के डिब्रूगढ जिले में 18 नवंबर 1954 को हुआ था। इनके पिता केशव चंद्र गोगोई एक वकील थे। इसके साथ ही वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता भी थे। रंजन गोगोई ने अपनी उच्च शिक्षा दिल्ली में हासिल की। 1978 में इन्होंने वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। इसके बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट में इन्होंने वकालत की प्रैक्टिस की।
28 फरवरी 2001 में इनको गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी जज बनाया गया। स्थायी जज के रूप में इन्होंने 10 साल काम किया। इसके बाद इनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में किया गया। इनको पंजाब और हरियाणा का मुख्य न्यायघीष 12 फरवरी 2011 में बनाया गया। रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट का जज 23 अप्रैल 2012 में बनाया गया।
बता दें कि बरसों से चल रहे अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में रंजन गोगोई ने पांच जजों की संवैधानिक पीठ के साथ अपना फैसला सुनाया था। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामलला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश जारी किया गया था, जबकि अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने का भी आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है।