Permanent Commission पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली- सेना में स्थाई कमीशन पाने से वंचित रह गई महिला अधिकारियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुरुषों की तरह महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन मिलने पर अहम फ़ैसला सुनाया है। अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सेना में महिलाओं को भी स्थायी कमीशन मिले साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।
- सेना में स्थाई कमीशन SC का महिला अधिकारियों
- 30 फीसदी महिलाएं लड़ाकू क्षेत्रों में तैनात हैं
- सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को निर्देश
वहीं केंद्र को फैसला लागू करने के लिए तीन महीने की मोहलत दी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी नागरिकों को अवसर की समानता, लैंगिक न्याय सेना में महिलाओं की भागीदारी का मार्गदर्शन करेगा। महिलाओं की शारीरिक विशेषताओं पर केंद्र के विचारों को कोर्ट ने खारिज किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र दृष्टिकोण और मानसिकता में बदलाव करे। सेना में सच्ची समानता लानी होगी। 30 फीसदी महिलाएं वास्तव में लड़ाकू क्षेत्रों में तैनात हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाजिक धारणाओं के आधार पर महिलाओं को समान मौके न मिलना परेशान करने वाला और अस्वीकार्य है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला कॉम्बैट विंग छोड़कर बाकी सभी विंग पर लागू होगा। अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सेना में महिलाओं को भी स्थायी कमीशन मिले। चाहे वो कितने भी समय से कार्यरत हों अदालत ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के साल 2010 के फ़ैसले को बरक़रार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने अपना फ़ैसला लागू करने के लिए सरकार को तीन महीने का वक़्त दिया है। फ़ैसला सुनाने वालों में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अजय रस्तोगी शामिल थे।