नई दिल्ली: Air India: 68 साल बाद सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया एक बार फिर टाटा सन्स की हो गई। सरकार की ओर से लगाई गई बोली में टाटा सन्स ने 18 हजार करोड़ रुपए में एयर इंडिया को खरीद लिया। सरकार की ओर से एयर इंडिया के नए महाराजा की मुनादी करवा दी गई। इसी के साथ टाटा सन्स की एयर इंडिया और इसके दूसरे वेंचर एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
सरकार के विनिवेश कार्यक्रम देखने वाले विभाग DIPAM के सचिव तुहिन कांत पांडे और नागर विमानन मंत्रालय सचिव राजीव बंसल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एयर इंडिया के अगले मालिक का ऐलान किया। सरकार की ओर से लगाई गई बोली में टाटा संस के साथ स्पाइसजेट के अजय सिंह भी थे। 18000 करोड़ की बोली के साथ टाटा संस ने ये बाजी मार ली और एयर इंडिया ने 68 साल बाद घर वापसी की। बताया जा रहा है टाटा ने एयर इंडिया के लिए 2900 करोड़ ज्यादा की बोली लगाई है। स्पाइसजेट के अजय सिंह ने एयर इंडिया के लिए 15,100 करोड़ की बोली लगाई थी।
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JRD टाटा ने 1932 में की थी Air India की स्थापना
1932 में जेआरडी टाटा ने ‘टाटा एयरलाइंस’ की शुरूआत की थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। उसके बाद फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर ‘एयर इंडिया’ रख दिया गया। फिर आजादी के बाद एयरलाइंस की 49 भागीदारी सरकार के पास चली गई और देखते ही देखते 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया। अब फिर एयर इंडिया 68 साल बाद टाटा ग्रुप की हो गई। हाल ही में कुछ दिन पहले एयर इंडिया के टाटा संस में जाने की खबरें आई थीं। तब सरकार ने ऐसी किसी भी रिपोर्ट का खंडन कर दिया। अब सरकार की ओर से इस खबर पर मुहर लगा दी गई कि एयर इंडिया टाटा संस की हो गई।