World Suicide Prevention Day : कोरोना काल में आत्महत्या के बढ़ते मामले
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर इस कोरोना काल में बेहद चौंकाने वाली रफ्तार से बढ़े हैं। हमें आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिये आगे आना चाहिये लेकिन स्थितियां बद से बदतर होती जा रही हैं जिसका सबसे बड़ा कारण है तनाव .. इसका अंदाज़ा आप इससे लगा सकते हैं कि देश में आत्महत्या करने वालों की संख्या 67 फीसदी बढ़ गई हैं और NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के रिकार्ड के तहत 1.39 लाख भारतीयों ने आत्महत्या की हैं और चौंकाने वाली बात ये है की 67 फीसदी युवा और 50 फीसदी लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की ..और आत्महत्या करने वाले 18-45 साल के हैं। इनमें से सिर्फ 7 फीसदी ही लोग हैं जो मानसिक रुप से किसी बीमारी से ग्रसित हैं।
ऐसे में समाज और हमारी जिम्मेदारी समझें.. क्या तनाव का ये हाल नहीं है कि ..अपने आसपासे के लोगों से बात करें और मम्मी पापा से चीज़ें शेयर करें। ऐसे वक्त में नाकारात्मक सोच वाले लोगों से दूर रहें तभी बदलाव ला सकते हैं। जीवन में फोन को दोस्त बनाने के बजाय अपने परिवार वालों को दोस्त बनाएं और फिर भी मन में बैचेनी हो तो डाक्टर से सलाह लें, लेकिन आत्महत्या जैसा कदम ना उठायें क्योंकि कहा भी जाता है कि आत्महत्या करने वोलों को ऊपर भी जगह नहीं मिलती। इसलिये ये बात समझें कि ज़िदगी जीने के लिये हैं मरने के लिये नहीं।
- दीपाली शुक्ला