नई दिल्ली- केरल के सबरीमाला मंदिर में बुधवार को दो महिलाओं ने भगवान के दर्शन किए थे, जिसके बाद यहां की 800 सालों से चली आ रही परंपरा टूट गई थी। महिलाओं के मंदिर में दर्शन करने के बाद केरल में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया था, जिसमें एक की मौत की खबर सामने आई थी।
प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन
मंदिर में दो महिलाओं की एंट्री का कुछ संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे है, जिसके चलते आज केरल बंद बुलाया गया है। महिला पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने वाले करीब 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
#Kerala: Sabarimala Karma Samiti and BJP workers hold protest march in Pandalam over the issue of entry of women in #SabarimalaTemple pic.twitter.com/cKmwlrtGCf
— ANI (@ANI) January 3, 2019
जगह-जगह भारी संख्य में पुलिस बल तैनात किया गया है, लेकिन प्रदर्शनकारी जबरदस्ती दुकाने बंद करा रहे है।
Congress MP K Suresh on #Sabarimala women entry issue: We're observing 'black day' in Kerala today. State govt is challenging the sentiments of devotees of #Sabarimala. With the sponsor of state govt, these two young women entered the temple. They are activists, they are maoists pic.twitter.com/jBtMp9wIBt
— ANI (@ANI) January 3, 2019
800 साल पुरानी परंपरा टूटी
बता दें कि करीब 800 साल से चली आ रही परंपरा बुधवार सुबह चार बजे उस समय समाप्त हो गयी, जब दो महिलाओं नें भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश किया था। दरअसल, एक 22 सेकेंड का वीडियो सामने आया था, जिसमें दिख रहा है कि बुर्का नामा कपड़े पहने दो महिलायें तेजी से मंदिर के अंदर प्रवेश कर रही हैं। इसके बाद पता चला कि 40 वर्षीय उन महिलाओं का नाम कनकदुर्गा और बिंदू है।
ये है मान्यता
आपको बता दें कि भगवान अयप्पा को लेकर उनके भक्तों में ऐसी मान्यता है । कि भगवान ब्रंभचारी हैं और इसलिए उनके मंदिर में किसी रजस्वला महिला के प्रवेश पर पाबंदी है । इन सारी स्थिति के बावत मंदिर अपनी विशेषता 800 सालों तक सहेजे रहा ।
कोर्ट ने हटाई थी रोक
देश की सबसे बड़ी अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मंदिर में महिलआों की एंट्री पर सो रोक हटा दी थी। इससे पहले मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं की मंदिर में एंट्री पर बैन था, लेकिन कोर्ट ने इस सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी। कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर के कपाट आज यानि 17 अक्टूबर को शाम पांच बजे पहली बार मंदिर के द्वार खुलेंगे।