नई दिल्ली: Panjshir valley: अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी का भाग्य अधर में है, क्योंकि वहां भारी लड़ाई जारी है। यहां तक कि तालिबान ने भी दावा किया कि उसने पंजशीर पर कब्जा करके अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया है। जबकि प्रतिरोधी बलों ने इसका खंडन किया है। रेजिस्टेंस फोर्सेज के नेता अहमद मसूद ने अपने फेसबुक पेज पर एक आडियो संदेश में कहा कि रेजिस्टेंस फ्रंट अभी भी पंजशीर में मौजूद हैं और तालिबान बलों से लड़ना जारी रखे हैं। टोलोन्यूज के अनुसार यह बयान जारी किया गया है।
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Panjshir valley: इनके पीछे तालिबान का झंडा भी लगा
माना जा रहा है कि पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें पंजशीर घाटी के गेट पर तालिबानियों को खड़े हुए दिखाया जा रहा है। इनके पीछे तालिबान का झंडा भी लगा है।
(Panjshir valley) तालिबान को बातचीत का प्रस्ताव दिया
समाचार एजेंसी एएफपी का कहना है कि विरोधी गुट को इस लड़ाई में जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है। इसके बाद अहमद शाह मसूद की तरफ से तालिबान को बातचीत का प्रस्ताव दिया गया था। तालिबान ने अब उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
पंजशीर प्रांत में कोई लड़ाई नहीं हुई
इससे पहले तालिबान ने दावा किया था कि उसके लड़ाके पंजशीर प्रांत में दाखिल हुए हैं। तालिबान सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य अन्नामुल्लाह समांगनी ने कहा कि पंजशीर प्रांत में कोई लड़ाई नहीं हुई, मगर अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के मुजाहिदीन बिना किसी प्रतिरोध का सामना किए विभिन्न दिशाओं से आगे बढ़े। इस्लामिक अमीरात की सेना विभिन्न दिशाओं से पंजशीर में प्रवेश कर चुकी है।
भारी मशीनगन से फायरिंग
अहमद मसूद और सालेह के नेतृत्व में पंजशीर में लड़ाकों ने चट्टानी पहाड़ की चोटी से एक गहरी घाटी में एक भारी मशीनगन से फायरिंग करके तालिबान आतंकवादियों से क्षेत्र पर कब्जा करने से रोका है। ये लड़ाके नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट के हैं, जो तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद से एक मजबूत ताकत के रूप में यहां बने हुए हैं।
पाकिस्तान के CH-4 ड्रोन के हमले
पंजशीर में पाकिस्तान के CH-4 ड्रोन के हमले में रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती और पांच अन्य लड़ाकों की मौत हो गई। फहीम दश्ती पेशे से पत्रकार थे और 15 अगस्त तक काबुल डेली के संपादक भी थे। अहमद मसूद के करीबी और पंजशीर बलों के प्रमुख सालेह मोहम्मद रेगिस्तानी भी पाकिस्तानी सेना के हमले में मारे गए।