“Aarogya setu” जरूर डाउनलोड करें : प्रधानमंत्री
कोरोना वायरस की भयावह स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है। पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में आरोग्य सेतु मोबाइल एप का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि “कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप को जरूर डाउनलोड करें। साथ ही दूसरे लोगों को मोबाइल एप इंस्टॉल करने के लिए प्रेरित करें। गौरतलब है कि , आरोग्य सेतु ऐप को अभी तक 2 करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। बताते हैं आपको आरोग्य सेतु मोबाइल एप के बारे में
ऐप बताएगा गैप : ‘Aarogya setu’
पूरे विश्व के लिए चुनौती बना कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मदद के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में ‘आरोग्य सेतु’ नाम का ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप कई मामलों में आवश्यक है। इस ऐप की मदद से कोरोना को लेकर पैनिक होने और इसे पहचानने में देरी का खतरा कम हो जाएगा। आम जनता में भी इसे लेकर जागरूकता देखने को मिल रही है। इसे केवल 4 दिन में ही एक करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
देशवासियों द्वारा इसे ज्यादा से ज्यादा डाउनलोड किया जाए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे मंत्रालय ने अपने 13 लाख कर्मचारियों से इस एप को डाउनलोड करने को कहा है। मानव संसाधन मंत्रालय ने शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े सभी लोगों, छात्रों और शिक्षकों को भी आरोग्य सेतु इंस्टॉल करने को कहा है। वहीं गृह मंत्रालय ने भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सभी जवानों को ऐप इंस्टॉल का निर्देश दिया है।
सबसे पहले आपको बताते हैं ऐप इंस्टॉल करने का तरीका
सबसे पहले आरोग्य सेतु एप को एपल स्टोर या गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल करें। अब ऐप खोलने से पहले मोबाइल की लोकेशन और ब्लूटूथ ऑन करें। इसके बाद ऐप खोलें। ये दोनों हमेशा ऑन रहेंगे, तभी यह ऐप काम करेगा। आप अपनी लोकेशन शेयरिंग को हमेशा “Always” पर रखें ताकि ऐप को पता रहे कि आप कब, कहां जा रहे हैं। एप लोकेशन इस्तेमाल करने की अनुमति मांगेगा। यह अनुमति दें। रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, उम्र, लिंग आदि की जानकारी देनी होगी। साथ ही बताना होगा कि हाल ही में विदेश यात्रा की है या नहीं।
नज़र डालते हैं इस ऐप के फ़ायदे पर –
‘आरोग्य सेतु’ ऐप आपको जोखिम का स्तर बताता है। यह ‘सेल्फ असेसमेंट टेस्ट’ में दिए गए लक्षणों, बीमारियों जैसी जानकारियों को लोकेशन के आधार पर यह स्पष्ट करता है कि आपको कोरोना का कितना जोखिम है। इसके साथ हीं यह भी बताता है कि क्या आपको टेस्ट की, डॉक्टर को दिखाने की या फोन पर परामर्श की जरूरत है या नहीं। ऐप पर सभी प्रदेशों और सेंट्रल हेल्पलाइन नंबर की जानकारी है, जिस पर सीधे क्लिक पर आप अपनी जरूरत के नम्बर डायल कर सकते हैं।
यह ऐप आपको ट्वीट फीड के जरिए कोराेना से जुड़ी लाइव जानकारियां भी देता रहता है।
जानते हैं कि आखिर ये ऐप कैसे काम करता है –
यह ऐप आपकी लोकेशन और ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर यह जांचता रहता है कि आपके आसपास कोई संक्रमित व्यक्ति या संभावित संक्रमित तो नहीं है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की आशंका के बारे में नोटिफिकेशन के द्वारा अलर्ट भी करता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है आपके मोबाइल में बैकग्राउंड में ऐप हमेशा चालू रहे । साथ ही ब्लूटूथ और लोकेशन भी ऑन रखनी होगी।
इसके अलावा इस ऐप से आप क्या जान सकते हैं –
आप जो जानकारियां ऐप को देंगे, उस आधार पर ऐप बताएगा कि क्या आपको कोरोना का जोखिम है । अगर है, तो क्या परीक्षण की जरूरत है या क्वारैंटाइन से काम चल जाएगा। ऐसी स्थिति में लोग पैनिक कम होंगे क्योंकि ऐप उन्हें मार्गदर्शन देता रहेगा। अगर परीक्षण की जरूरत है, तो आप कहां परीक्षण करा सकते हैं, इसकी जानकारी भी मिलेगी। इस टेस्ट के आधार पर ही यूजर के लिए जोखिम का अंदाजा लगाया जाता है और बाकी यूजर्स को भी अलर्ट किया जाता है।
इसलिए जरूरी है कि इस ऐप में सही जानकारी ही भरी जाए। कई बार यूजर में मन मे यख प्रश्न आता है कि उनके डेटा कितने सुरक्षित होंगे। ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में दावा किया गया है कि डेटा केवल भारत सरकार के साथ साझा होगा। आपके नाम या नंबर को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आपकी निजी जानकारी को अलर्ट करने या अन्य जरूरी जानकारी देने के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा। ऐप अनइंस्टॉल करने के बाद भी जानकारी को अपने पास रख सकता है।
विदेशों में भी काम कर रहे ऐसे ऐप –
चीन, सिंगापुर , अमेरिका , दक्षिण कोरिया जैसे कई देश मे ये ऐप काम कर रहा है । “आरोग्य सेतु” जरूर डाउनलोड करें वो भी सही जानकारी के साथ क्योंकि यह ऐप यूजर के लोकेशन को ट्रैक करता है। यहब्लूटूथ से ऐप के दूसरे यूजर्स के संपर्क में आने का रिकॉर्ड रखता है। इसकी मदद से यहां उन लोगों को ट्रैक किया गया, जो बाद में कोरोना संक्रमित पाए गए। चूंकि सरकार के पास यूजर का रिकॉर्ड रहता है, इसलिए पता चल जाता है कि वो कब इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले दूसरे यूजर के संपर्क में आया है।
यह ये भी बता देता है कि वो व्यक्ति कितनी देर तक के लिए संपर्क में रहा है। कोरोनामैप के इस्तेमाल से यूजर उन स्थानों का पता कर सकता है जहां कोई संक्रमित मरीज भर्ती हुआ हो। इसमें मरीज की लोकेशन से लेकर उसके अस्पताल की जानकारी और वो कब से पीड़ित है जैसे जानकारियां मिल जाती हैं। अच्छी बात ये है कि ऐप मरीज का ट्रैवल रूट भी दे देता है। इसी तरह कोरोना 100एम एक जीपीएस बेस्ड ऐप है। यह यूजर्र की लोकेशन के 100 मीटर के दायरे में संक्रमित व्यक्ति की जानकारी देता है। तो अब ‘आरोग्य सेतु ऐप’ बताएगा की आपको कहाँ कितना ‘गैप’ मेन्टेन करना है