नई दिल्ली: Akhil bhartiya vidharthi Parishad: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बृहस्पतिवार को अपना 72वां स्थापना दिवस मनाया और जिले स्तर पर वर्चुअल मीटिग के जरिए संगोष्ठी का आयोजन किया। आज परिषद दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। इस दौरान मेरठ प्रान्त के प्रदेश मंत्री सचिन चौधरी ने कहा कि कई सालों से लगातार विद्यार्थियों के हित में काम करते आ रहा विद्यार्थी परिषद किसी पार्टी या राजनीति के लिए नहीं बल्कि छात्र व राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करता है। इस मौके पर यूपी के सीएम योगी अदित्यनाथ ने छात्रों को बधाई दी।
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Akhil bhartiya vidharthi Parishad: कब हुई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना
कब हुई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी, लेकिन औपचारिक रूप से इसकी स्थापना 9 जुलाई 1949 को हुई जब इसका पंजीकरण हुआ| इसकी स्थापना छात्रों और शिक्षकों के एक ग्रुप ने मिलकर की थी अपने शुरुआती दौर में इसकी सक्रियता नाम बात की थी लेकिन 1958 में मुंबई के प्रोफेसर यशवंतराव केलकर को इसका मुख्य संयोजक बनाने के बाद इसकी सक्रियता काफी बढ़ गई और इसने देश भर में अपना विस्तार करना शुरू कर दिया|
वास्तविक संस्थापक सदस्य माना जाता
इसीलिए प्रोफ़ेसर यशवंतराव केलकर को ही वास्तविक संस्थापक सदस्य माना जाता है। इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर इकाई अध्यक्ष तक छात्र नहीं शिक्षक होता है, जिससे छात्रों की भीड़ को उचित मार्गदर्शन मिलता रहे, और ज्ञान, शील, एकता के मंत्र से छात्र कार्यकर्ता डिगें नहीं।
एबीवीपी का आधिकारिक स्लोगन
एबीवीपी का आधिकारिक स्लोगन ज्ञान शील और एकता है। यानी की इस छात्र संगठन और इसके सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि यह इन तीनों शब्दों को केवल शब्द ना माने बल्कि इनके गहरे अर्थ को आत्मसाथ करते हुए इसके प्रति प्रतिबंध रहे। ज्ञान से अपने आप को हमेशा बढ़-चढ़कर सुशिक्षित रखें। अपने चरित्र को ठंडा रखें और एकता में जो बल है उसकी ताकत को वह समझे तभी एबीपी के अधिकारिक स्लोगन वह संगठन के प्रति आपकी वफादारी रहेगी।