नई दिल्ली : अपनी नासमझी के कारण विदेश में और विदेशी विशेषज्ञों के सामने देश को बदनाम करने के आदी हो चुके राहुल गांधी एक बार फिर अपने बयानों से निशाने पर हैं। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भारत की वर्तमान स्थिति पर अमेरिका की खामोशी पर सवाल उठाया है। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निकोलस बर्न्स (Nicholas Burns) के साथ आनलाइन इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश की सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है। अगर अमेरिका लोकतंत्र के सिद्धांतों में यकीन करता है तो वह चुप क्यों है? राहुल गांधी ने बर्न्स के साथ बातचीत में विदेश नीति से लेकर घरेलू राजनीति, चीन के साथ तनाव और किसान आंदोलन पर अपने विचार व्यक्त किए
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगाए यह गंभीर आरोप
भाजपा नेताओं ने की आलोचना
राहुल गांधी अपने बयानों को लेकर निशाने पर आ गए हैं। भाजपा नेताओं ने उनपर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने उनकी आलोचना करते हुए कहा है कि आपका रोना धोना काम नहीं आने वाला है। आप कितने काबिल हैं दुनिया इससे वाकिफ है। दुनिया इस बात को समझती है कि आप रोना लोकतंत्र के लिए नहीं बल्कि अपनी पार्टी की नाकामी को लेकर है। पात्रा ने यह भी कहा कि राहुल बिल्कुल अपनी पार्टी के नेता मणिशंकर अय्यर की तरह रो रहे हैं, जिन्होंने पाकिस्तान से कहा था’आप को मोदी को हटाना होगा’! कांग्रेस पार्टी जब बंगाल में हारेगी तो इसकी शिकायत राहुल गांधी अमेरिका से करेंगे।
कृषि कानून को लेकर बोले राहुल
नए कृषि कानूनों पर किसानों के विरोध को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत है, लेकिन इससे जुड़े लोगों से बातचीत किए बिना नहीं किया जा सकता। आप कृषि क्षेत्र की नींव पर हमला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तो लगातार फीडबैक लिया जाता था। अब यह बंद हो गया है। इस वजह से किसानों के पास सड़क परा उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
भाजपा पर लगाए आरोप
राहुल ने इस आरोप लगाए कि भाजपा ने देश के अहम संवैधानिक संस्थाओं को कब्जे में ले लिया है। उन्होंने कहा भाजपा आर्थिक तौर पर और मजबूत हुई है और मीडिया से भी उसको समर्थन मिल रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ही नहीं बीएसपी, एसपी, एनसीपी जैसी पार्टियां चुनाव नहीं जीत पा रही हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए संस्थागत ढांचे की जरूरत पड़ती है। ये संस्थाएं निष्पक्ष लोकतंत्र के लिए जरूरी है, लेकिन भाजपा इनपर पूरी तरह हावी हो गई है। इससे विपक्षी पार्टियों को नुकसान हो रहा है। इन चिंताजनक हालातों के बावजूद अमेरिका की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका सचमुच में स्वतंत्रता और लोकतंत्र में यकीन करता है तो उसे खामोश नहीं रहना चाहिए।