नई दिल्ली: Up Population Policy: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने जा रही है। जनसंख्या के लिहाज से देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अब 2 से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि विधि आयोग अगले 2 महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगा। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदित्यनाथ मित्तल ने इसकी जानकारी दी।
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Up Population Policy: दो से अधिक बच्चे किए तो सरकारी सुविधाओं से वंचित
राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल की माने तो बढ़ती जनसंख्या से समस्याएं पैदा हो रही हैं। कानून के ड्राफ्ट में दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित किए जाने का प्रावधान सुझाया जा सकता है। साथ ही आयोग प्रदेश में बेरोजगारी व भुखमरी समेत कई अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बिंदुओं पर भी विचार कर रहा है। इस कानून से बस कोशिश है कि सरकारी संसाधन और सुविधाएं उन लोगों को जरूर उपलब्ध हो जो जनसंख्या नियंत्रण में मदद कर रहे हैं।
धर्म या मानवाधिकारों के खिलाफ नही
आयोग बढ़ती जनसंख्या से पैदा हो रही बेरोजगारी व सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में आ रही समस्याओं का भी अध्ययन कर रहा है ताकि कानून बनाकर सख्ती भी की जाए और लोगों को जागरूक भी किया जाए। राज्य विधि आयोग का कहना है कि जो लोग जनसंख्या नियंत्रिण कर सहयोग दे रहे हैं उन्हें सरकारी सुविधाओ का लाभ मिलता रहना चाहिए। लेकिन जो लोग उनका पालन नहीं कर रहे जो इन सुविधाओं का लाभ नहीं लेना चाहते व स्वतंत्र हैं जनसंख्या नियंत्रण परिवार नियोजन से अलग है यह किसी धर्म विशेष या मानवाधिकारों के खिलाफ नहीं है।
असम में भी मंथन शुरू
सम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को ही राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों से जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक अच्छी परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील की है। सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने भी साफ कर दिया है कि दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी योजनाओं के फायदे से वंचित किया जा सकता है।