नई दिल्ली। पाकिस्तान ने श्रीलंका में बुर्का पर प्रतिबंध और एक हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश को विभाजनकारी बताया है और साथ ही पाकिस्तान ने श्रीलंका को चेतावनी भी दी है। श्रीलंका में पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की निंदा की है। हालांकि ये तक कहा है कि सुरक्षा के नाम पर उठाए जाने इस तरह के विभाजनकारी कदमों से मुस्लिमों की भावनाएं को ठेस पहुंचेगी।

बुर्के पर प्रतिबंध का फैसला
ऐसा बताया गया है की पाकिस्तानी उच्चायुक्त साद खटक का यह बयान जनसुरक्षा मामलों के मंत्री सरथ वीरसेखरा की उस सिफारिश पर आया है, जिसके नाते श्रीलंका की कैबिनेट को बुर्के पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करना है। बुर्का ही नहीं चेहरे को ढंकने वाले सभी वस्त्रों पर प्रतिबंध की सिफारिश की गई है। वीरसेखरा ने यह सिफारिश शुक्रवार को की थी। शनिवार को वीरसेखरा ने कहा, यह सिफारिश राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर की गई है।

मदरसे बंध का फैसला
वीरसेखरा ने ये भी कहा की ,हाल के कुछ महीनों में देश में एक हजार से ज्यादा मदरसे खुले हैं। ये सभी कट्टरता बढ़ाने में जुटे हैं। सरकार ने इसे बंध कराने का बड़ा फैसला लिया है। श्रीलंका में 2019 में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे जिनमें 270 लोगों की मौत हो गई थी। इन धमाकों के लिए मुस्लिम आतंकी जिम्मेदार थे। उसी के बाद श्रीलंका में मुस्लिमों के प्रति सोच बदली।
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श्रीलंका का यह फैसला
पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, कोरोना महामारी के चलते इस समय आर्थिक मुश्किलों का दौर चल रहा है। श्रीलंका अपनी छवि को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य तरह की चुनौतियों का सामना भी कर रहा है। ऐसे में सुरक्षा के नाम पर श्रीलंका का ऐसे विभाजनकारी कदम उठाना उसके लिए और ज्यादा आर्थिक मुश्किलें खड़ी कर सकता है।