Maharashtra में जारी राजनीतिक घमासान पर Amit Shah ने तोड़ी चुप्पी
नई दिल्ली : महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान, राष्ट्रपति शासन लगने के बड़ा भी खत्म होता नज़र नहीं आ रहा है। राष्ट्रपति शासन को लेकर जहाँ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, वहीं अब इस पुरे मामले पर केन्द्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। अमित शाह ने कहा कि हमने पहले दिन से ही कहा था कि देवेन्द्र फड़नवीस ही सीएम होंगे, लेकिन शिवसेना का सीएम पद को लेकर बवाल खड़ा करना निरर्थक है।
अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगने का ये मतलब नहीं है कि पार्टियों के पास सरकार बनाने का विकल्प नहीं बचा है। अगर किसी भी पार्टी के पास बहुमत है, तो वो राज्यपाल के पास जाकर अपना बहुमत साबित कर दिखा सकते हैं और सरकार बना सकते हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल द्वारा लगाये गए आरोपों पर अमित शाह ने कहा कि कपिल सिब्बल जैसे विद्वान वकील बचकानी दलीलें दे रहे हैं और कह रहे हैं कि हमें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया।
अमित शाह ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का बचाव करते हुए कहा कि राज्यपाल ने सभी पार्टियों को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और पर्याप्त समय भी दिया। अमित शाह ने कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया। शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी और न ही हमने दावा किया। अमित शाह ने कहा कि आज भी किसी पार्टी के पास आंकड़े हैं तो वो राज्यपाल के पास जा सकता है।