पटना : बिहार चुनाव (Bihar Election 2020) को लेकर NDA गठबंधन भले ही एकजुट होकर चुनावी मैदान में ताल ठोकने के दावे कर रहा हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जिस तरह से NDA के दो घटक दलों JDU और LJP के बीच जुबानी जंग चल रही है, उसे देखकर यही लगता है कि चुनाव से पहले NDA में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। वहीं दोनों दलों के बीच जारी तनातनी में चिराग पासवान (Chirag Paswan) के एक बयान से बड़ा मोड़ आ गया है।
Chirag Paswan ने नीतीश सरकार के फैसले पर उठाये सवाल
दरअसल हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने SC-ST समुदाय के लिए बड़ा ऐलान करते हुए फैसला लिया है कि SC-ST समुदाय के लोगों की हत्या होने पर उनके परिवार के एक शख्स को नौकरी दी जाएगी। नीतीश सरकार के इस फैसले से SC-ST समुदाय के लोग कितने खुश हैं ? इसका परिणाम तो चुनाव नतीजों में देखने को मिलेगा, लेकिन उससे पहले विपक्ष ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खास बात ये है कि NDA में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी ने भी नीतीश सरकार के इस फैसले को चुनावी घोषणा करार दे दिया है।
चिराग का आरोप – नीतीश सरकार नहीं निभाया अपना पुराना वादा
दरअसल SC-ST समुदाय को लेकर नीतीश सरकार द्वारा लिए गए फैसले की आलोचना करते हुए लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि एससी या एसटी समाज का कहना कि इसके पूर्व 3 डिसमिल जमीन देने का वादा भी नीतीश सरकार ने किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी देने का नीतीश का फैसला और कुछ नहीं, बल्कि चुनावी घोषणा है। इससे एससी या एसटी समाज को निराशा प्राप्त हुई थी।
चिराग के बयान से खफा जदयू – लोजपा को दी चेतावनी
चिराग के इस बयान से खफा जदयू ने कहा कि चिराग अगर खुद को एनडीए का हिस्सा मानते हैं तो वह नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी न करें। बीजपी के साथ हमारा गठबंधन है, एलजेपी के साथ नहीं। जीतनराम मांझी पहले भी एनडीए का हिस्सा थे, अब चिराग को आपत्ति क्यों है ? चुनाव नज़दीक है और गठबंधन में खींचतान जारी है, ऐसे में देखना ये होगा कि दोनों दलों के बीच तालमेल बनाये रखने को लेकर बीजेपी क्या कदम उठाती है।