नई दिल्ली- कर्नाटक में जारी सियासी घमासान के बीच विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने बड़ा फैसला लिया है। विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 18 जुलाई का दिन निर्धारित किया है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग होगी, जिसमें कुमारस्वामी सरकार को विश्वास मत हासिल करना होगा। हालाँकि कुमारस्वामी सरकार के लिए विश्वास मत हासिल करना आसान नहीं रहने वाला है। वहीं बीजेपी का दावा है कि सरकार अल्पमत है और नैतिकता के आधार पर सीएम कुमारस्वामी को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
कर्नाटक में नाटक जारी
बता दें कि कर्नाटक में ये सियासी ड्रामा 6 जुलाई उस समय शुरू हुआ था, जब कांग्रेस के दर्जन भर विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले विधायकों में विधायक रमेश जरकीहोली, बीसी पाटिल, महेश कुमतल्ली, प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्बर, सुब्बा रेड्डी और एस विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, मलिंगा रेड्डी, सौम्य रेड्डी, एन मुनीरत्न, एसटी सोमशेखर और विरथी बासवराज और के गोपालैय्या शामिल हैं। इसके बाद जेडीएस के तीन विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस नेतृत्व इन विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ये मानने को तैयार नहीं है। इन विधायकों के इस्तीफे को स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया है।
क्या विधायक मानेंगे?
कांग्रेस-जेडीएस द्वारा बागी विधायकों को मनाये जाने का सिलसिला जारी है, लेकिन बागी विधायक अब भी अपने इस्तीफे के फैसले पर अड़े हुए हैं। मुंबई के एक होटल में डेरा डाले 14 विधायकों ने एक बार फिर किसी राजनीतिक नेता को उनसे मिलने से रोकने में पुलिस की मदद मांगी है। इसका कारण इन विधायकों ने जान का खतरा बताया है।
खतरे में जेडीएस-कांग्रेस सरकार
वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में है और अगर ऐसा नहीं है, तो सरकार विश्वास मत हासिल कर दिखाए। बीजेपी ने कुमारस्वामी के इस्तीफे की भी मांग की है। वहीँ कुमारस्वामी का कहना है कि सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है और जब कभी भी विश्वास मत हासिल करने का मौका आएगा वो विश्वास मत हासिल कर दिखाएंगे।
सौजन्य- दैनिक खबर