नई दिल्ली: Emergency Landing Strip: रक्षा और विकास एक दूसरे के पूरक हैं मौजूदा सरकार ने उस पुरानी धारणा को बदल दिया है जिसमें ये माना जाता था कि अगर रक्षा पर खर्च करेंगे तो उससे देश का विकास रूक जाएगा। ये मानना है देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जो गुरूवार को पाकिस्तानी सीमा के करीब बाड़मेर में नेशनल हाईवे पर देश की पहली इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड के उदघाटन पर बोल रहे थे।
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Emergency Landing Strip: ईएफएल का उदघाटन किया
रक्षा मंत्री ने नितिन गडकरी, सीडीएस और एयरफोर्स चीफ ने वायुसेना के सी-130जे सुपर हरक्युलिस एयरक्राफ्ट में इमरजेंसी लैंडिंग कर ईएफएल का उदघाटन किया। इस तीन किलोमीटर लंबे रनवे के साथ ही बाड़मेर और जालौर को जोड़ने वाले एनएच-925 का भी उदघाटन किया गया। इसके बाद सुखोई और जगुआर फाइटर जेट्स ने इस नए ईएफएल पर लैंडिंग और टेकऑफ कर अपने ऑपरेशन्स का प्रदर्शन किया।
इस प्रोजेक्ट को करने से मना कर दिया
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने एयरफोर्स चीफ को भरोसा दिया है कि वैसे तो इस एयर स्ट्रीप को बनाने में डेढ़ साल लगता है, लेकिन एनएचआईए इस तरह के ईएफएल को 15 दिन में बनाकर दिखा सकता है। गडकरी ने कहा कि उनके विभाग (एनएचएआई) ने पहले इस प्रोजेक्ट को करने से मना कर दिया था, लेकिन एक बार प्रधानमंत्री (मोदी) जी के सामने प्रेजेंटेशन के दौरान इस प्रोजेक्ट की बात सामने आई थी।
20 ऐसी इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड
रक्षा मंत्री ने इस दौरान बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय देशभर के सीमावर्ती इलाकों में कुल 20 ऐसी इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड यानि ईएफएल तैयार कर रहा है जिन पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों से लेकर मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी टेकऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं. पाकिस्तानी सीमा से महज़ 40 किलोमीटर दूर हुए इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया भी मौजूद थे।