नई दिल्ली. इन दिनों कांग्रेस पार्टी में जोड़तोड़ और फेरबदल का सिलसिला चरम पर है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कन्हैया कुमार ने कम्यूनिस्ट पार्टी का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। छात्र राजनीति के बाद मुख्यधारा की राजनीति में आए कन्हैया कुमार बिहार में जन्मे हैं। साल 2019 में उन्होंने बेगूसराय सीट से चुनाव भी लड़ा जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा। कन्हैया कुमार ने कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद कहा कि देश को बचाने के लिए कांग्रेस को बचाना जरूरी है।
‘कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा’
कांग्रेस में आते ही कन्हैया कुमार ने कहा कि ‘मुझे या देश करोड़ों युवाओं को लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा, इसलिए कांग्रेस ज्वाइन की’ कांग्रेस देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, उसे बचाने की जिम्मेदारी है। अगर बड़ा जहाज नहीं बचेगा तो छोटे जहाज भी नहीं बचेंगे। देश में इस समय के वैचारिक संघर्ष को कांग्रेस पार्टी ही नेतृत्व दे सकती है.’ इस दौरान कन्हैया कुमार ने कांग्रेस को सबसे लोकतांत्रिक पार्टी करार दिया है।
यह भी पढ़ें- Congress Punjab Politics: पंजाब की सियासत में घमासान, नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे, हालांकि वह हार गए थे।