नई दिल्ली: Kisan Mahapanchayat: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन अब कृषि कानूनों के खिलाफ न रहकर देश बचाने का आंदोलन बन गया है। किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय किसान महापंचायत भी की गई।
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Kisan Mahapanchayat: लघु सचिवालय की तरफ कूच कर दिया
वहीं दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने विरोध का एलान कर दिया। प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद किसान नेताओं ने लघु सचिवालय की तरफ कूच कर दिया है। वहीं लघु सचिवालय में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। डीसी और एसपी भी बाहर आ गए हैं।
(Kisan Mahapanchayat) करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही
राकेश टिकैत ने कहा, करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं। वहीं, किसानों को नमस्ते चौक पर रोक लिया गया। मेरठ रोड पर कुछ किसानों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद नमस्ते चौक पर गिरफ्तारी हुई। नमस्ते चौक से आगे बढ़ गए हैं। सेक्टर 14 चौक के पास पहुंंच रहे हैं।
राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए
महापंचायत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अलावा राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए। इस दौरान प्रशासन की अपील पर संयुक्त किसान मोर्चा वार्ता के लिए मान गए।
सभी महापंचायत स्थल की ओर लौट गए
राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और योगेंद्र यादव की 11 सदस्यीय कमेटी करनाल लघु सचिवालय पहुंची। हालांकि तीन दौर की बातचीत विफल रही। इसके बाद सभी महापंचायत स्थल की ओर लौट गए। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बयान जारी किया, कहा, लोकतंत्र में सभी को अपने कार्यक्रम करने का अधिकार है।
केंद्र सरकार को निजी कंपनियां चला रहीं
टिकैत ने कहा कि देश सियासत से नहीं, किसान आंदोलन से बचेगा। केंद्र सरकार को निजी कंपनियां चला रहीं हैं। इसलिए किसानों से वार्ता नहीं की जा रही है। पंजाब में गन्ने का भाव बढ़ाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने किसानों की मांग मानी है, केंद्र ने तो प्रति किलोग्राम पांच पैसे भाव बढ़ाया है। 5 सितंबर को निजी कंपनियों के खिलाफ बड़े आंदोलन का एलान करेंगे।