जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष से उम्मीदवार को जमीन पर मूर्त रुप देने वाली टीएमसी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी पार्टी को तगड़ा झटका दे दिया। जानकारी के लिए बता दें कि विपक्षी पार्टी मार्गरेट अल्वा को टीएमसी के समर्थन को लेकर आश्वस्त था। लेकिन वहीं Mamta Banerjee ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर दूर रहने का ऐलान कर दिया।
जानकाकरी के लिए बता दें कि दीदी का कहना है टीएमसी आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी क्योंकि इसे लेकर उससे कोई ‘राय-मशविरा’ नहीं किया गया है। सूत्रों कि माने तो सोनिया गांधी ने ममता को उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर दो बार फोन घुमाया लेकिन Mamta Banerjee ने ऐसा जवाब दिया कि उनको तगड़ा झटका लग गया। बता दें कि ममता ने कहा कि विपक्ष संयुक्त रूप से जिस किसी भी को भी उम्मीदवार तय करता है, उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगीं।
माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाकर एनडीए उम्मीदवार की जीत की राह और आसान करने के टीएमसी के फैसले की नींव नॉर्थ बंगाल की पहाड़ियों में हुई उसी मीटिंग में पड़ गई थी। टीएमसी के इस यू-टर्न से विपक्षी खेमा एक बार फिर परेशान है। इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी Mamta Banerjee ने अचानक ये बयान दिया था कि अगर सरकार द्रौपदी मुर्मू के नाम के साथ विपक्ष से पहले ही चर्चा की होती तो वह मुर्मू का ही समर्थन करती।
उपराष्ट्रपति के लिए 6 तारीख को चुनाव होंगे। एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है। पश्चिम बंगाल का राज्यपाल रहते धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का टकराव अक्सर सुर्खियों में रहता था। कांग्रेस की अगुआई में विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को मैदान में उतारा है।