नई दिल्ली : राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान (Rajasthan Political Crisis) का अंत होता नज़र आ रहा है। कांग्रेस (Congress) के खिलाफ बागी तेवर अख्तियार करने वाले सचिन पायलट (Sachin Pilot) के रुख में नरमी देखने को मिली है, जिसके बाद गहलोत सरकार (Gehlot Government) के ऊपर मंडरा रहे खतरों के बादल छंटते नजर आ रहे हैं। राजस्थान में 14 अगस्त को फ्लोर टेस्ट (Floor Test) होना है, जिससे पहले पायलट और गहलोत (Pilot Vs Gehlot) के बीच जारी गतिरोध खत्म होता नजर आ रहा है। पायलट की रुख में आई नरमी से गहलोत सरकार की मुश्किलें कम होती नजर आ रही है।
Rajasthan Political Crisis : राहुल-सचिन के बीच हुई मुलाकात के बाद खत्म हुआ गतिरोध
गौरतलब है कि कल सचिन पायलट और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बीच मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच हुई ये मुलाकात कई घंटों तक चली, जिसके बाद पार्टी की तरफ से बयान जारी कर सबकुछ ठीक होने की बात कही गई। पायलट खेमें के विधायक भंवरलाल ने भी सुलह का संकेत देते हुए गहलोत सरकार के 5 साल तक चलने की बात कही, इसके बाद से ही सिफ हो गया कि सचिन पायलट घर वापसी को तैयार हैं।
Ashok Gehlot की चाल से पस्त हुए Sachin Pilot ?
दरअसल राजस्थान में जिस तरह से राजनीतिक घमासान मचा हुआ था, उससे गहलोत सरकार के ऊपर खतरों के बादल मंडराते नजर आ रहे थे। हालांकि सीएम गहलोत अपने समर्थक विधायकों को एकजूट रखने में कामयाब रहे, जिससे सचिन पायलट का बागी तेवर नरम होता नज़र आया। शुरुआत से ही गहलोत नबर गेम अपने पक्ष में होने की बात करते रहे, जिससे आखिरकार सचिन पायलट को अपने बागी तेवर में नरमी लानी पड़ी।
पायलट किन शर्तों पर घर वापसी को हुए तैयार ?
कहा ये भी जा रहा है कि राजस्थान में होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले नंबर गेम को लेकर सीएम गहलोत पूरी तरह से आश्वस्त नहीं थे, जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान एक्टिव हुई और बातचीत के जरिये सचिन पायलट की नाराजगी को काम करने की कोशिश की। कांग्रेस आलाकमान की ये कोशिश कामयाब भी रही और राहुल गाँधी व सचिन पायलट के बीच हुई मुलाकात के बाद राजस्थान में जारी सियासी घमासान के अंत होने के संकेत मिल गए। बहरहाल अभी देखना ये है कि सचिन पायलट किन शर्तों पर घर वापसी को तैयार हुए हैं।