नई दिल्ली : देश के 8 राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों को लेकर शुक्रवार को होने वाले मतदान से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है। बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के खेमें में राज्यसभा चुनाव (Rajaysabha Election 2020) को लेकर हलचल तेज़ गई है। दोनों ही पार्टियां जहाँ अपने उम्मीदवारों को जिताने में जुटी है, वही जोड़-तोड़ का खेल भी जारी है। गुजरात (Gujrat) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी द्वारा कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया है, जबकि राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने की कोशिशों में जुटी है। झारखण्ड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) भी किसी तरह महागठबंधन की नैया पार करने में जुटे हैं।
Rajaysabha Election 2020 : मध्य प्रदेश और गुजरात का राजनीतिक समीकरण
मध्य-प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में चार प्रत्याशी मैदान में है। बीजेपी ने जहाँ ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को चुनावी मैदान में उतारा है, वही कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया भी चुनावी मैदान में डंटे हुए हैं। कांग्रेस विधायकों के बगावत से पहले पार्टी की दो सीटों पर जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन अब कांग्रेस को एक ही सीट पर जीत नसीब हो सकती है। हालाँकि कांग्रेस को अभी भी क्रॉस वोटिंग से आस है।
पीएम मोदी और अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतदान होना है, जिसके लिए पांच प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। बीजेपी की ओर से अभय भारद्वाज और रमीलाबेन बारा के साथ तीसरे उम्मीदवार के तौर पर नरहरी अमीन चुनावी मैदान में है, जबकि कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को चुनावी मैदान में उतारा है। यहाँ की दो सीटों पर बीजेपी की व एक सीट पर कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है, जबकि एक सीट के लिए दोनों दल राजनीतिक समीकरण बनाने में जुटे हैं।
राजस्थान में कांग्रेस का, तो आंध्रा प्रदेश में YSR का पलड़ा भारी
राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होना है, जिसके लिए चार उम्मीदवार मैदान में है। यहाँ विधायकों के बगावत को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सतर्क है। दोनों ही पार्टियों ने अपने विधायकों को होटलों में रोक रखा है, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस की ओर से केसी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी चुनावी मैदान में है, जबकि बीजेपी ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतार है।
वही आंध्र प्रदेश में 4 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर पांच प्रत्याशी मैदान में है। वाईएसआर कांग्रेस की ओर से पिल्ली सुभाष चंद्रबोस, मोपीदेवी वेंकटरमणास, आल्ला अयोध्या रामीरेड्डी और परिमल नत्वानी को उम्मीदवार बनाया गया है, तो टीडीपी की ओर से वर्ला रामय्या भी चुनावी मैदान में है। यहाँ की सभी सीटों पर YSR का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है, लेकिन अंतिम फैसला चुनावी परिणाम के बाद ही साफ़ हो पायेगा।
पूर्वोत्तर में तीन सीटों के लिए चुनाव, मणिपुर में बिगड़ा बीजेपी का खेल
पूर्वोत्तर के तीन राज्य मणिपुर, मेघालय औक मिजोरम की एक-एक राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव को से पहले सरगर्मी तेज़ हो गई है। मेघालय में कांग्रेस के कनेडी कोमेलियस के खिलाफ मेघालय डेमोक्रेटिक गठबंधन से उतरे वंसुख सीम चुनावी मैदान में है, जिनके बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। मणिपुर की एक राज्यसभा सीट के लिए तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में है, लेकिन चुनाव से पहले बीजेपी का गणित बिगड़ता नज़र आ रहा है। बीजेपी से तितुलर किंग महाराजा संजाओबा लिसीम्बा, कांग्रेस से पूर्व मंत्री टोंगब्रम मंगिबाबू और नगा पीपुल्स फ्रंट होनरीकुई काशुंग चुनावी मैदान में है। मणिपुर में तीन बीजेपी विधायकों के इस्तीफे सहित सहयोगी दलों के कुल 9 विधायकों के अलग होने के बाद जहाँ गठबंधन सरकार पर खतरा मंडरा रहा है, वही राज्यसभा चुनाव में भी बीजेपी का खेल बिगड़ता नज़र आ रहा है।
मिजोरम की एक राज्यसभा सीट के लिए तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। एमएनएफ की तरफ से युवा शाखा के पूर्व अध्यक्ष के वनलालवेना, मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम की तरफ से पार्टी महासचिव बी लालछानजोवा और कांग्रेस की तरफ से पार्टी प्रवक्ता और मीडिया विभाग के अध्यक्ष लल्लियानछुंगा चुनावी मैदान में है, जिनके बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।
हेमंत सोरेन के कन्धों पर महागठबंधन का भार
झारखण्ड में 2 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए 3 उम्मीदवार मैदान में है और यहाँ का मुकाबला काफी रोचक है। विधायकों के आंकड़े के लिहाज से जेएमएम के शिबू सोरेन की एक सीट पक्की है और दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल जारी है। दोनों पार्टियां आजसू और अन्य विधायकों को साधने में जुटी हैं।