सालों से अलग देश की मांग कर रहे सिंधियों का पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है, आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद के संस्थापकों में से एक, जीएम सैयद की 117वीं जयंती पर आयोजित एक विशाल आजादी समर्थक रैली में प्रदर्शनकारी सिंधुदेश की स्वतंत्रता के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य विश्व नेताओं के पोस्टर हाथों में लिए हुए नजर आए। इसके साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जमसोरो जिले में सैयद के गृहनगर में रविवार को आयोजित इस विशाल रैली के दौरान लोगों ने आजादी समर्थक नारे भी लगाए। ये भी पढ़ें- Weather Updates: कड़ाके की सर्दी जारी, इन राज्यों में बारिश और कोहरे का अलर्ट
ब्रेकिंग- प्रधानमंत्री मोदी की फोटो के साथ पाकिस्तान के सिंध में लगे आजादी के नारे।@narendramodi @PMOIndia #JTv pic.twitter.com/NFA5Pn0UoV
— Jantantra Tv (@JantantraTv) January 18, 2021
इस रैली में कुछ लोगों ने दावा किया कि ‘सिंध‘ सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म का घर है, जो ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और उनके द्वारा 1947 में पाकिस्तान के इस्लामी हाथों में पहुंचा दिया गया था। सिंध में कई राष्ट्रवादी दल हैं, जो एक स्वतंत्र सिंध राष्ट्र का समर्थन करते हैं। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। सभी पाकिस्तान को एक ऐसा व्यवसायी बताते हैं, जो संसाधनों का दोहन जारी रखता है और इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल है। ये भी पढ़ें-किसान आंदोलन में जा रहे थे, टोल प्लाजा पर कर दी तोड़फोड़।
सिंधी लोग पाकिस्तान के आतंकवादी राज्य की दमनकारी गुलामी में नहीं रहना चाहते हैं। इसलिए सिंधी लोग पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि हम फासीवादी से राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में आगे बढ़ने और हमारा समर्थन करें। गौरतलब हे कि सिंधुदेश सिंधियों के लिए एक अलग मातृभूमि की मांग है। यह 1967 में जीएम सैयद और पीर अली मोहम्मद रशदी के नेतृत्व में सामने आया था। ये भी पढ़ें- दिल्ली, राजस्थान में 10 महीने बाद स्कूलों में लौटी रौनक, गाइडलाइन का हो रहा पालन