नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी बुधवार को पहली बार अमेठी आ रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी की ये अमेठी यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। इस दौरान वह पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और उनका हाल जानेंगे। हो सकता है कि वह यहां हार के कारणों पर भी चर्चा करें।
बता दें कि 15 सालों से अमेठी के सांसद रहे राहुल गांधी 2019 के आम चुनावों में अमेठी से हार गए थे। भारतीय जनता पार्टी नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें यहां से करारी शिकस्त दी। वहीं, बात करें राहुल के दौरे की तो बताया जा रहा है कि अपने इस दौरे को वह मीडिया से दूर रखना चाहते हैं।
राहुल के इस दौरे को लेकर कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अमेठी की जनता को ये बताना चाहते हैं कि भले ही यहां से वह चुनाव हार गए हो, लेकिन यहां की जनता से उनका आत्मीय रिश्ता अभी भी बना हुआ है। यह उनकी कर्मभूमि है, जो उन्हें विरासत में मिली है, और इसे वह संभाल कर रखना चाहेंगे।
बता दें कि अमेठी सीट से कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार से गहरा रिश्ता रहा है। अमेठी सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी और उस दौरान हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी संसद पहुंचे थे। तब से अब तक बहुत कम मौके ऐसे आए हैं, जब इस सीट पर कांग्रेस को हार मिली हो।