रश्मि सिंह|RBI MPC Meeting 2024: भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल की पहली मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। गवर्नर शकितकांत दास ने पहली मौद्रिक नीति के रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने ऐसा छठी बार नीतिगत दर रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चतता के बीच देश की अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। एक तरफ आर्थिक वृद्धि बढ़ रही है। दूसरी ओर मुद्रस्फीति में कमी आई है। मौद्रिक नीति समिति एमपीसी ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वुद्धि को गति देने के लिए अधिकतर विश्लेषकों के अनुमानों से आगे निकल रही है।
#WATCH मुंबई: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ” मौद्रिक नीति समिति ने निर्णय लिया कि रेपो रेट को यथावत रखते हुए उसमें कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है।” pic.twitter.com/VLq0HeTWly
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2024
Courtesy: ANI Twitter Handle
बता दें कि, इस तरह रेपो रेट 6.50 फीसदी पर ही बरकरार है। वहीं मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी यानी एमएसएफ और बैंक रेट 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
लोन की ईएमआई में राहत मिलने के आसार नहीं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के बाद के संबोधन में इसका ऐलान कर दिया है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अब फिलहाल आपके लोन की ईएमआई में राहत मिलने के कोई आसार नहीं दिखे है। ये मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6 फरवरी से शुरु हुई थी और आज पूरी हुई है। इस समीक्षा में आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी के तहत विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन का रुख बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर के संबोधन में कहा गया कि ग्रामीण मांग में सुधार और इंडस्ट्री के मोर्चें पर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से अच्छे आंकड़े देखे जा रहे है।
आरबीआई गवर्नर के संबोधन में क्या है खास
वहीं RBI गवर्नर ने आगे कहा कि RBI की एमपीसी ने महंगाई दर के लक्ष्य को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है। इस साल इसे और घटान पर फोकस किया जा रहा है। हालांकि दिसंबर 2023 में कोर महंगाई दर 3.8 फीसदी पर आ गई थी जो कि इसका 4 साल का निचला स्तर है। वित्त वर्ष 2024 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 5.4 फीसदी रखा गया है। जबकि वित्त वर्ष 2024-25 कोर महंगाई दर के 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान रखा गया है। इसके 4 फीसदी के आरबीआई के लक्ष्य में रहने का इंतजार बाकी है।