जनतंत्र डेस्क, हेल्थ: जब बाथरूम में पानी को नफरत भरी निगाहों से देखा जाने लगे और बिस्तर ही प्यारा लगने लगे समझ लो ठंड का आगमन हो चुका है। ये वो मौसम है जब छत पर धूप सेंकते हुए गुड़ मूंगफली का मजा लिया जाएगा। इसी के साथ सर्दी में खान पान भी बदल जाता है गर्म और इम्युनिटी बूस्टर वाले खाद्य पदार्थों की मांग ज्यादा होती है। इसी तरह सर्दी शुरू होते ही गोंद के लड्डू तैयार होने लगते हैं। उत्तरी भारत में सर्दियों के दौरान घर-घर ये लड्डू बनने लगते हैं। तो आइए जानते हैं क्या होता है गोंद और कैसे तैयार होते हैं गोंद वाले लड्डू।
जब हम गोंद के लड्डू की बात करते हैं तो इनमें खाने वाले गोंद का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक खाद्य गोंद है। जिसका इस्तेमाल व्यापक रूप से कई पोषक तत्वों से भरे व्यंजनों को तैयार करने के लिए किया जाता है। यह वैकल्पिक रूप से ट्रैगाकैंथ या बबूल गोंद के रूप में जाना जाता है, यह आमतौर पर पौधे के गोंद से प्राप्त होता है। ये पौधे मध्य पूर्व और गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
स्टेमिना बढ़ाने में मददगार
गोंद रोग प्रतिरक्षा और स्टेमिना बढ़ाने में बेहद मददगार है। यह कमजोर नर्वस सिस्टम, चिंता और डिप्रेशन वालों के लिए बेहद कारगर है। साथ ही शरीर में विटामिन डी के स्तर को प्रबंधित करने में भी मदद करता है। वहीं, स्किन के लिए गोंद बेहद फायदेमंद माना जाता है सर्दियों में रूखी त्वचा की दिक्कतों को भी दूर करता है। यहीं वजह है कि सर्दियों में गोंद के लड्डू खाए जाते हैं।
ऐसे बनाए गोंद के लड्डू
सामग्री- गोंद, आटा, मेवा, मखाना, सूखा नारियल, इलाइची पाउडर, पिसी चीनी और घी
गोंद के लड्डू बनाने की विधि
सबसे पहले घी गर्म करें और गोंद को फ्राई करें। इसके बाद बादाम, काजू और मखाने को एक-एक करके भून लें।. एक तरफ रख दें। बादाम, मखाना और काजू ठंडे होने पर इन्हें दरदरा पीस लीजिए। फिर कढ़ाई में घी डालें और आटा भून लें। इसके लिए घी ज्यादा मात्रा में लें।
अब एक बाउल में गोंद, ड्राई फ्रूट्स, चीनी या गुड़ डालें। अगर गोंद सिका हुआ हो तो ज्यादा अच्छा है। अब भूने हुए आटे को मिश्रण में अच्छे से मिलाएं और छोटे छोटे लड्डू बना लीजिये। तैयार लड्डुओं को एयरटाइट जार में भर कर रख लें। तो आप कब बना रहे हैं विंटर स्पेशल गोंद के लड्डू…