कहते हैं कि इश्क न जाति देखता है, न ही मजहब. प्यार तो प्यार होता है और अपने प्यार को हासिल करने के लिए प्रेमी प्रेमिका जाति धर्म मजहब के सभी बंधनों को तोड़ देते हैं. ऐसा ही एक मामला सीतापुर में देखने को मिला है. उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद के बिसवां इलाके से सामने आया. यहां कारीपुर गांव में रहने वाली सबीना का प्रेम प्रसंग गांव के ही मनीष नाम के एक युवक से 2 वर्षों से चल रहा था. इस बात की जानकारी परिजनों को हुई तो उन्होंने दोनों की शादी से इंकार कर दिया. लेकिन एक दूसरे से सातो जन्म साथ रहने का वादा कर चुके दोनों प्रेमियों ने सामाजिक दीवारों को तोड़ते हुए सिधौली इलाके के सिद्धेश्वर मंदिर में विवाह कर लिया.
दोनों के परिजन शादी को तैयार नहीं थे जिसके चलते मामला न्यायालय में गया और न्यायालय से प्रेमी प्रेमिका को परिणय सूत्र में बंधने की इजाजत मिल गई. जिसके बाद बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में जनपद के सिधौली इलाके के सिद्धेश्वर मंदिर में सबीना से प्रीति बनी प्रेमिका ने मनीष के साथ विवाह कर लिया. सीतापुर में जाति धर्म के बंधन को तोड़ने वाली यह शादी लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है वही अपने प्यार को पाने के बाद मनीष और प्रीति दोनों बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दे रहे हैं.