नई दिल्ली: Golden Boy: COVID-19 महामारी के बीच इस साल आयोजित टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत का प्रदर्शन उत्साह से कम नहीं है। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा द्वारा ओलंपिक में पहला फील्ड और ट्रैक गोल्ड मेडल जीतने का उत्सव केवल हमारे देश तक ही सीमित नहीं था। बल्कि तटों को भी पार कर दक्षिण-पश्चिम जर्मनी के एक 130-निवासियों के गाँव में भी इसका उत्सव मनाया गया। जर्मनी में ओबर्सचलेटनबाक का छोटा सा गाँव भी नीरज चोपड़ा के ओलंपिक जैवलिन फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने के जश्न में शामिल हुआ।
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Golden Boy: गाँव में सेलिब्रिटी से कम नहीं बार्टोनिट्ज़
इस बड़ी सफलता के पीछे कोई और नहीं बल्कि इस गाँव के रहने वाले डॉ. क्लाउस बार्टोनिट्ज़ हैं। नीरज चोपड़ा को कोचिंग दे रहे 73 वर्षीय बायोमेकैनिकल विशेषज्ञ बार्टोनिट्ज़ ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई। बार्टोनिट्ज़ के घर वापस आने से उनका घर लोगों के बधाई कॉल और संदेशों से भर गया है। बार्टोनिट्ज़ ने बताया कि अपने गाँव लौटने के बाद से वे उत्साही पड़ोसियों से घिरे हुए हैं, जिन्होंने ओलंपिक जैवलिन फाइनल देखा जहाँ नीरज चोपड़ा ने इतिहास बनाया था। जर्मन कोच डॉ. क्लाउस बार्टोनिएट्स अब अपने गाँव में किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं हैं।
Golden Boy: जीत के प्रति पहले से थे आश्वस्त
बार्टोनिट्ज़ का कहना है कि नीरज चोपड़ा की ओलंपिक जीत के बाद उन्हें इतने कॉल कभी नहीं मिले, जितने अब मिल रहे हैं। गर्वित कोच का कहना है कि लोग उन्हें नीरज चोपड़ा के बारे में जानने के लिए फोन करते हैं। कोच ने कहा कि कई एथलीट और अन्य कोच भी उन्हें फोन कर रहे हैं। बार्टोनिट्ज़ का कहना है कि उन्हें अजीब लगता है कि कैसे चीजें रातों-रात बदल जाती हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बार्टोनिट्ज़ ने बताया कि नीरज चोपड़ा द्वारा फेंके गए गए भाले के उतरने से पहले ही वे जीत के प्रति आश्वस्त थे। उससे पहले ही नीरज चोपड़ा ने जीत के संकेत में हाथ उठाया था।
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