जनतंत्र डेस्क Japan: भारत में ट्रेनों के लेट होने की बात आम होगी लेकिन जापान में ऐसा नहीं है। जापान दुनियाभार में ट्रेनों और अन्य यातायात साधनों की सटीक टाइमिंग के लिए फेमस है। ऐसे में अगर ट्रेन एक मिनट भी लेट हो जाए तो चर्चा होना लाजिमी है। इसी तरह यहां एक ड्राइवर की गलती से ट्रेन मात्र 1 मिनट लेट हुई तो कंपनी ने ड्राइवर की सैलेरी काटने का आदेश जारी कर दिया।
Model’s Photoshoot: पिता की लाश के साथ मॉडल का ग्लैमरस फोटोशूट, वायरल तस्वीर पर मचा हंगामा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये मामला जून 2020 का है, जब ड्राइवर ओकायामा स्टेशन पर एक खाली ट्रेन ले जाने के लिए निकला था। इस बीच अचानक उसे पेट में दर्द हुआ, जिसके कारण उसने अपने जूनियर ड्राइवर को कार्यभार सौंप दिया, लेकिन उसने ट्रेन गलत प्लेटफॉर्म पर चला दी। नतीजतन ट्रेन एक मिनट लेट हो गई। यानी कि ट्रेन के प्रस्थान और आगमन दोनों में एक-एक मिनट की देरी हुई। जिसके कारण वेस्ट जापान रेलवे कंपनी ने उसकी जुलाई की सैलरी में 5,600 की कटौती कर दी। कपंनी की इस कार्रवाई के खिलाफ ड्राइवर ने कोर्ट का रुख किया।
ड्राइवर के समर्थन में उतरे लोग
ड्राइवर ने इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाते हुए 14,300 पाउंड यानी 14 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है। अब ड्राइवर के समर्थन में दूसरे लोग भी आ गए हैं। लोगों का कहना है कि, बेहद सामान्य गलती के कारण लेट होने पर सैलेरी कटौती दूसरे सेक्टर में भी इस तरह की धारणा को जन्म देगी। उधर कंपनी ने वेतन कटौती के पीछे अपने ‘काम नहीं, वेतन नहीं सिद्धांत’ का हवाला दिया। ड्राइवर ने कंपनी पर ‘मानवीय त्रुटि के लिए वेतन कटौती को ‘प्रतिबंध’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, और कहा कि एक छोटी सी गलती को अनुबंध का उल्लंघन नहीं माना जाना चाहिए।
कंपनी का तर्क
कंपनी ने दो मिनट की देरी के लिए कटौती को सही ठहराते हुए कहा कि इस दौरान कोई श्रम नहीं किया गया। इस फैसले के खिलाफ ड्राइवर लेबर कोर्ट पहुंचा तो कंपनी ने ट्रेन में हुई देरी के समय को दो मिनट से एक मिनट कर दिया और जुर्माना घटाकर 28 पाउंड कर दिया। ड्राइवर ने इसे मानने से कार करते हुए ओवरटाइम में कटौती, मानसिक पीड़ा, नौकरी में आई दिक्कतों जिक्र किया और कंपनी से 14 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग की। फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है।