Eco-Friendly दिवाली मनाने के कुछ तरीके
Eco-Friendly Diwali: दीपावली खुशियों का त्यौहार होता है, इस दिन सभी लोग अपनों के साथ मिलकर बड़ी खुशी और उत्साह से दिवाली के पर्व मनाते हैं। इस दौरान दीयों के अलावा पटाखे जलाने का प्रचलन बहुत पुराना है, लेकिन बढ़ते दौर के इस युग में हानिकारक, रासायनिक तथा ध्वनिप्रदूषण युक्त वस्तुओं एवं पटाखों का उपयोग करने से हर साल इस दिन अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा प्रदूषण देखने को मिलता है जो, कि हमारी सेहत और प्रकृति के लिये बहुत घातक है और आगे आने वाले समय में जीवन के लिये खतरे का कारण भी बन सकता है। इसीलिये हमें प्रदूषण रहित दिवाली मनानी चाहिये।
Eco-friendly दिवाली के उपाय
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रंगोली में रासायनिक रंगो की बजाय प्राकृतिक रंगो का प्रयोग करना।
दिवाली के अवसर पर रंगोली बनाने का प्रचलन काफी पुराना है। इस दिन रंगोली के लिये रसायन से बने रंगो का उपयोग नही करना चाहिये, बल्कि गुलाब, गेंदा, आदि फूलों से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना चाहिये साथ ही आप रंगो के लिये हल्दी, कुमकुम और कॉफी पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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मिट्टी से बने दीये जलाना
दिवाली ही एक ऐसा त्यौहार है, जब हमारे अलावा अन्य सभी के घर भी रोशनी से जगमगाते हैं। दिवाली के इस पर्व पर मिट्टी के दीये जरूर जलाने चाहिये, क्योंकि ये दीये किसी भी तरह से फैक्ट्री –निर्मित कृत्रिम रोशनी की तुलना में अधिक प्रकाश को प्रज्वल्लित करते हैं। इसके अलावा एनजीओ से कारीगरों के प्लेटफॉर्मिंग वर्क से और उन लोगो से दियों को खरीदें जो अपने हाथों से मिट्टी के दिये बनाते हैं, ताकि आपके साथ-साथ उनकी भी दीपावली अच्छी और शुभ रहे।
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सुरक्षित दिवाली के लिये पटाखों से बनाना
पर्यावरण में प्रदूषण की बढ़ती मात्रा को देखते हुये हमें पटाखों से ऐतिहात बरतनी चाहिये और हो सके तो प्रकृति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये पटाखों को नही जलाने चाहिये, क्योंकि ये प्रदूषण तो करते ही हैं साथ में इनके उत्पादन और उपयोग असुरक्षित होते हैं।