जानिये पूजन करने का क्या था सही समय ?
Diwali 2022: इस साल दिवाली की तिथि को लेकर काफी असमंजस रहा है, क्योंकि इस दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी रहा है। हर वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि पर देश-विदेश में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से पूजा की तैयारियां आरंभ हो जाती है और घरों को रंगोली और प्रकाश से सजाया जाता है।इस साल दिवाली का मुहूर्त 24 अक्टूबर को 5 बजकर 27 मिनट से 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट तक तथा लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त -शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक रहा था।
पूजन के शुभ मुहूर्त का महत्व
Diwali 2022: दिवाली की शाम और रात को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी,भगवान गणेश, मां सरस्वती और कुबेर देवता की पूजा और आराधना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल यानि सूर्यास्त के बाद में के तीन मुहूर्त में किया जाना सबसे शुभ माना गया है।स्थिर लग्न में की गई पूजा-आराधना में माता लक्ष्मी वहां पर अवश्य अपने कुछ अंश के रूप में निवास करने लगती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर विचरण करते हैं। जिन घरों में हर तरफ साफ-सफाई,सजावट और प्रकाश रहता है। वहां पर मां लक्ष्मी अपने अंश रूप में निवास करने लगती हैं। घर पर लक्ष्मी का वास होने पर वहां पर सदैव सुख-समृद्धि,धन-दौलत और शांति बनी रहती है।
लक्ष्मी पूजन
Diwali 2022: शाम को पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और फिर उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर, उसके ऊपर नई लक्ष्मी-गणेश, भगवान कुबेर और मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिये। प्रतिमा के सामने कलश में जल भरकर और आम की पत्तियां लगाकर तथा बाद में सभी देवी-देवताओं का अवाहन करते हुए सभी मूर्तियों का तिलक करना चाहिये और दीपक जलाकर जल, मौली, जनेऊ, अक्षत, फल, हल्दी और पुष्प अर्पित करते हुए मां लक्ष्मी की स्तुति करना चाहिये, बाद में देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करना चाहिये। पूजा करते समय घर पर मौजूद सभी सदस्यों को वहां पर एकत्रित हों और पूजन के बाद घर की तिजोरी, बहीखाते, पुस्तकों और व्यापारिक संसाधनों की पूजा करके, अंत में घर के हर एक हिस्से में घी और तेल का दीपक जलाकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिये।