जनतंत्र डेस्क, झारखंड: भारतीय संस्कृति और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल विदेशों में भी दी जाती है। कौन किस जाति मजहब से वास्ता रखता है, इसके परे भी कई खूबसूरत तस्वीरें हमारे सामने आती हैं। जो बस इंसानियत और भाईचारे का ही संदेश देती हैं। ऐसी ही तस्वीर आई है झारखंड के दुमका से। जहां एक मुस्लिम शख्स 40 लाख रुपये खर्च कर मंदिर बनवा रहा है।
Karnataka: 800 साल पुराने मंदिर को बचाने के लिए हिंदू-मुस्लिम ने कायम की सौहार्द की मिसाल
दरअसल, रानीश्वर प्रखंड के हामिदपुर के रहने वाले उपप्रमुख नौशाद शेख के दिल में भगवान कृष्ण के प्रति आस्था है। वे दुमका में श्रीकृष्ण का मंदिर बनवा रहे हैं। मंदिर में महाभारत काल की तरह एक दिव्य रथ में सवार पार्थ अर्जुन के सारथी कृष्ण और रक्षा करने वाले हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई है। 14 फरवरी को इसका भव्य उदघाटन होगा।
नौशाद शेख का कहना है कि वे बंगाल के मायापुर घूमने गये थे। जहां उनके सपने में भगवान कृष्ण आए थे। श्रीकृष्ण ने कहा था कि आप मुझे कहां ढूंढ रहे हो। मैं तो वहीं हूं। फिर क्या था नौशाद ने मायापुर से लौटकर रानेश्वर प्रखंड के महिषाबथान गांव में मंदिर बनाना शुरू कर दिया।
नौशाद सभी धर्म में आस्था रखते हैं। साल 2019 में उन्होंने 40 लाख रूपए की लागत से मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था। मंदिर का उद्घाटन वैलेंटाइन डे पर होगा। श्री कृष्ण को सपने में देख नौशाद की उनके प्रति आस्था जग गई थी। मंदिर बनाने के साथ ही वे पूजा से जुड़े सभी आयोजन भी खुद ही करेंगे।
14 फरवरी को निकलेगी कलश यात्रा
वैलेंटाइन डे पर मंदिर के भव्य उद्घाटन के साथ ही कलश यात्रा भी निकाली जाएगी। जिसमें 108 महिलायें पीले वस्त्र में कलश यात्रा निकालेंगी और 101 महिलाएं ढाक बजायेंगी। उनके अलावा 11 गांव के 51 पुरोहित ब्राह्मण इस अनुष्ठान को पूरे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न करायेंगे।
नौशाद कहते हैं कि इस्लाम धर्म कहता है कि दीन-दुखियों की सेवा करो। हर धर्म की इज्जत करो। दूसरे धर्म में भी ऐसी ही बातें कही गयी हैं। नौशाद के ही तरह यहां के कई लोग सर्वधर्म समभाव को मानते हैं और श्रीकृष्ण के उपासक हैं।