नई दिल्ली : Sawan 2021: हिंदू धर्म में सावन मास का धार्मिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। सावन का महीना आज 25 जुलाई से शुरू हो गया है यह मास महादेव की पूजा के लिए अति उत्तम माह माना जाता है। सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। पावन माह के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान शंकर का दिन सोमवार होता है। आज यानी 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है।
यह भी पढ़ें- Farmers Protest: राहुल गांधी ट्रैक्टर से पहुंचे संसद, बोले ये किसानों की आवाज़ है
Sawan 2021: भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व
सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें। अब घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें घर के पास में किसी भी शिव मंदिर या कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं। अब भगवान को पुष्प, बेल पत्र, धतूरा, भांग, गन्ना, बेर आदि चीजें अर्पित करें।
(Sawan 2021) भगवान शिव का आर्शीवाद
सावन महीने में भगवान शिव की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों के मनोरथ पूरा करते हैं उन्हें धन-दौलत, मान-सम्मान एवं पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं। शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर गंगा जल और दूध के साथ धतूरा, बेलपत्र, पुष्प, गन्ना आदि अर्पित करें. ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
सावन मास का महत्व
धर्म शास्त्रों में भी सावन मास के महत्व का जिक्र मिलता है। पावन श्रावण मास में भगवान शिव और उनके परिवार की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही फलदायी होता है, इसलिए सावन में लोग रुद्राभिषेक कराते हैं। शिव की आराधना के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माह माना गया है।
सावन महीने के सोमवार
सावन महीने में सोमवार के दिन का खास महत्व होता है। इस बार सावन के चार सोमवार व्रत पड़ रहे हैं. सोमवार का पहला व्रत 26 जुलाई को है जबकि इसका आखिरी सोमवार 16 अगस्त को है। सावन के हर सोमवार में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है।
मास व्रत नियम
सावन महीने में मास-मंदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इस महीने वाद-विवाद से भी बचना चाहिए घर-परिवार में स्नेह बना रहना चाहिए। सावन महीने में लहसुन और प्याज के सेवन करने की मनाही होती है। इसके अलावा मसूर की दाल, मूली, बैंगन आदि के सेवन की भी मनाही होती है। शास्त्रों में बासी और जले हुए खाने को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है। शास्त्रों के अनुसार सोमवार का व्रत बीच में नहीं छोड़ना चाहिए अगर आप व्रत रखने में असमर्थ हैं तो भगवान शिव से माफी मांग कर ना करें।
Punjab Cm Captain Amrinder Singh LIVE | Captain salutes Kargil martyrs | Kargil Vijay Diwas | JTV