नई दिल्ली: Tokyo Paralympics 2020: ओलंपिक में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद भारत की नजरें मंगलवार से यहां शुरू हो रहे पैरालंपिक खेलों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर टिकी हैं और उम्मीद है कि 54 खिलाड़ियों का दल देश को इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पहली बार दोहरे अंक में पदक दिला सकता है।
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Tokyo Paralympics 2020: सफलता की उम्मीद करना बेमानी नहीं
भारतीय खिलाड़ियों से अभूतपूर्व सफलता की उम्मीद करना बेमानी नहीं होगा क्योंकि विश्व रैंकिंग में कम से कम चार भारतीय नंबर एक पर काबिज हैं जबकि छह खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग दूसरी है। इसके अलावा लगभग 10 खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग तीन है।
(Tokyo Paralympics 2020) इन खेलों में पांच स्वर्ण पदक
भारत को इन खेलों में पांच स्वर्ण पदक सहित कम से कम 15 पदक की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी के कारण पैरालंपिक का आयोजन कड़े सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों के बीच हो रहा है। भारत पैरालंपिक में नौ खेलों में हिस्सा लेगा। महामारी के कारण कुछ देशों ने हालांकि पैरालंपिक से हटने का फैसला किया।
75 लोगों ने ही परफॉर्म किया
पैरालिंपिक्स की ओपनिंग सेरेमनी भी तमाम सुरक्षा नियमों के पालन करते हुई। सेरेमनी में केवल 75 लोगों ने ही परफॉर्म किया और स्टेडियम काफी हद तक खाली ही रहा। कार्यक्रम की शुरुआत फायर वर्क के साथ हुई। इसके बाद खिलाड़ी जापान का झंड़ा मैदान पर लाए और राष्ट्रगान गाते हुए उसे फहराया।
स्टेडियम के ऊपर आतिशबाजी का शानदार नजारा
समारोह के लिए विविधता और समावेश के प्रतीक के तौर पर ‘पैरा एयरपोर्ट (हवाईअड्डा)’ जैसा मंच तैयार किया गया था। समारोह की शुरुआत एक वीडियो के साथ हुई है जिसमें पैरा खिलाड़ियों की शक्ति को दर्शाया गया है। वीडियो के खत्म होते ही ‘पैरा एयरपोर्ट’ के कर्मियों की तरह पोशाक में रंगारंग कार्यक्रम पेश किया गया, जिसके बाद स्टेडियम के ऊपर आतिशबाजी का शानदार नजारा दिखा।
रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण
भारत ने 1972 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था और तब से इन खेलों में कुल 12 पदक जीत चुका है। अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है। भारत 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ 43वें स्थान पर रहा था।