नई दिल्ली: Taliban News: तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे़ के बाद से तालिबान के प्रवक्ता ने कई बार कहा है कि वह भारत के साथ अपने अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं। इसलिए जहां कुछ देशों ने तालिबान के साथ संबंधों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, वहीं कुछ अभी भी चुप हैं। ऐसे में भारत की रणनीति क्या होगी और भविष्य में कैसी होगी, भारत-तालिबान के संबंधों को लेकर सभी के मन में कई सवाल उठ रहे हैं।
तालिबान-भारत के रिश्तों पर उठे सवालों का प्रो. पंत ने दिया जवाब
बता दें, लोगों के मन में उठते सवालों के जवाब में प्रो. पंत(आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन) ने कहा कि ‘अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद भारत के ताजा रुख से यह पता चलता है कि वह तालिबान के साथ अब बैकडोर डिप्लोमेसी के पक्ष में नहीं है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ अफगानिस्तान का भविष्य अब पूरी तरह से तालिबान के हाथों में है। ऐसे में तालिबान को लेकर भारत को अपनी कूटनीति में बदलाव करना होगा, यह समय की मांग है। पंत ने यह भी कहा कि तालिबान को लेकर भारत की रणनीति सफल रही है। अफगानिस्तान के मामले में भारत ने बहुत धैर्य से काम लिया है। यही वजह है कि तालिबान ने भारत को लेकर एक सकारात्मक रवैया अपनाया हुआ है।
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वेट एंड वाच की स्थिति अपनायेगा भारत
प्रो. हर्ष पंत ने आगे यह भी कहा कि “तालिबान के मामले में भारत को अभी बहुत जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। जब तक तालिबान में सरकार का स्पष्ट स्वरूप सामने नहीं आ जाता तब तक वेट एंड वाच की स्थिति ही बेहतर है”। उन्होंने कहा कि “यह भारत की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।उन्होंने ये भी कहा कि तालिबान के साथ भारत का रिश्ता ‘एक हाथ दे और एक हाथ ले’ वाला है। तालिबान, भारत से व्यापार चाहता है। भारत भी यह चाहता है कि अफगानिस्तान की जमीन से भारत विरोधी गतिविधियों को विराम मिले। भारत को बहुत सावधानी के साथ तालिबान की कथनी और करनी का इंतजार करना होगा”।
भविष्य में कैसा होंगे भारत- तालिबान के रिश्ते
प्रो. पंत ने कहा कि ‘यह तो समय बताएगा कि भविष्य में तालिबान और भारत के बीच कैसे संबंध होंगे। लेकिन तालिबान ने हाल के दिनों में भारत के साथ सकारात्मक रुख अपनाया है। तालिबान का रुख तालिबान-1 की तरह नहीं है। तालिबान-2 का रुख एकदम अलग है। तालिबान लंबे समय से भारत से बेहतर संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अनुच्छेद 370 के मामले में भी तालिबान ने कहा था कि कश्मीर का मामला भारत का आंतरिक मामला है। वह इस मामले में पाकिस्तान का सहयोग नहीं करेगा। उस वक्त तालिबान का यह बड़ा बयान था। हाल में तालिबान प्रवक्ता ने भारत की सुरक्षा का भी भरोसा दिलाया है।
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