नई दिल्ली: आज हम आपको इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी LG के फेल होने की क्या थीं बड़ी वज़ह जो कभी फोन बनाने वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी थी.
टच स्क्रीन और ऐसे कई फीचर देने वाली पहली कंपनी
आज से 8 वर्ष पहले जब मोबाइल फोन के बाजार में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे थे, तब LG इस क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में से एक थी. वर्ष 2013 में LG मोबाइल फोन बनाने वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी थी और भारत के बाजार पर भी इसकी काफी मजबूत पकड़ थी. आपमें से से बहुत कम लोगों को पता होगा कि जब स्मार्टफोन लॉन्च हुए, तब LG ही वो पहली कंपनी थी, जिसने मोबाइल फोन में टच स्क्रीन और स्लो मोशन वीडियो रिकॉर्डिंग का फीचर हमें दिया. आज एपल स्मार्टफोन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है और एपल के फोन की खासियत है उसके स्टेनलेस स्टील फ्रेम्स. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि LG ने वर्ष 2015 में ही स्टेनलेस स्टील फ्रेम्स वाले स्मार्टफोन बाजार में लॉन्च कर दिए थे.
LG ने ही पहली बार मोबाइल फोन में अल्ट्रा वाइड कैमरा लॉन्च
LG ने ही पहली बार मोबाइल फोन में अल्ट्रा वाइड कैमरा लॉन्च किए और टच स्क्रीन वाले फोन में जूम इन और जूम आउट का फीचर भी सबसे पहले LG ने ही दुनिया को दिया. तब तक LG कंपनी बढ़ती चली गई, लेकिन वर्ष 2016 के बाद चुनौतियों ने LG को बदलाव की कसौटी पर परखना शुरू किया. जब बाजार में कई तरह के नए – नए स्मार्टफोन लॉन्च हुए और Apple, Samsung, Vivo और One Plus जैसी कई कंपनियों ने अपना दबदबा बनाना शुरू कर दिया.
उसके फेल होने की वजह थी समय के साथ बड़े बदलाव नहीं करना। मोबाइल फोन के बाजार में प्रतिद्वंद्वी कंपनी से टक्कर मिलने के बाद LG कंपनी उस ढलान पर जाकर खड़ी हो गई, जहां से उसका नीचे आना निश्चित था. पिछले 6 वर्षों में कंपनी को इस बिजनेस में 4.5 बिलियन डॉलर यानी 32 हजार 850 करोड़ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और भारत में भी LG ने अपनी पहचान खो दी.
भारतीय मोबाइल फोन बाजार में हिस्सेदारी
वर्ष 2020 में भारत में लगभग 14 करोड़ 50 लाख स्मार्टफोन की बिक्री हुई, जिनमें LG के स्मार्टफोन सिर्फ 4 लाख 35 हजार ही थे. यानी भारतीय मोबाइल फोन बाजार में उसकी हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 0.3 प्रतिशत रह गई. LG कंपनी को नुकसान हुआ तो उसकी जगह दक्षिण कोरिया की ही दूसरी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग ने ले ली. सैमसंग ने जहां पिछले वर्ष 25 करोड़ 60 लाख स्मार्टफोन की बिक्री की तो LG कंपनी सिर्फ 23 लाख ही फोन बेच पाई. इस आंकड़े से ही आप समझ सकते हैं कि LG कंपनी कैसे शिखर से सिफर तक पहुंच गई. कहते हैं कि डूबते जहाज पर कोई पैसे नहीं लगाना चाहता और जब LG ने भी अपने मोबाइल फोन के बिजनेस को काफी बेचने की कोशिश की तो उसे कोई खरीदार नहीं मिला.
वैश्विक बाजार में अहम भूमिका में कंपनी
आज भी LG टेलीविजन की बिक्री के मामले में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. कंपनी ने ऐलान किया है कि वो सिर्फ मोबाइल फोन के कारोबार को बंद कर रही है क्योंकि, वो कंज्यूमर अप्लायंसेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट्स के बिजनेस पर ध्यान देना चाहती है.
आख़िर बदलाव क्यों जरूरी हैं
जब वर्ष 2007 में एपल कंपनी का पहला मोबाइल फोन बाजार में बिक्री के लिए गया था, तब पूरी दुनिया में मोबाइल फोन बनाने वाली 5 बड़ी कंपनियां थी. पहले नंबर पर जो कंपनी थी वो थी- नोकिया, फिर मोटोरोला, सैमसंग, सोनी और LG. आज इनमें से सिर्फ सैमसंग कंपनी ही बची है, जिससे पता चलता है कि अगर समय के साथ बदलाव और रीफ्रेश का बटन नहीं दबाया जाए तो सफलता, असफलता का रूप ले लेती है, आपको बताना चाहते हैं कि जो बदलते नहीं हैं, अक्सर उन्हें भुला दिया जाता है.
90 के दशक में अमेरिका की एक कंपनी ब्लॉकबस्टर लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थी. ये कंपनी फिल्मों और गेम्स की वीडियो कैसेट किराए पर देती थी. वर्ष 2000 में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कंपनी नेटफ्लिक्स ने 50 मिलियन डॉलर यानी 365 करोड़ रुपये में खुद को ब्लॉकबस्टर को बेचने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन ब्लॉकबस्टर ने इसे ठुकरा दिया और इसके 10 साल बाद ये कंपनी दिवालिया घोषित हो गई, जबकि नेटफ्लिक्स ने बदलाव की डोर को नहीं छोड़ा और आज दुनियाभर में उसके लगभग 20 करोड़ यूजर्स हैं.
इसके अलावा LG ने ही पहली बार मोबाइल फोन में अल्ट्रा वाइड कैमरा लॉन्च किए और टच स्क्रीन वाले फोन में जूम इन और जूम आउट का फीचर भी सबसे पहले LG ने ही दुनिया को दिया. जब तक LG कुछ नया करती रही, तब तक LG कंपनी बढ़ती चली गई, लेकिन वर्ष 2016 के बाद चुनौतियों ने LG को बदलाव की कसौटी पर परखना शुरू किया.