नई दिल्ली: भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बढ़ते आपसी संबंधों के बीच दोनों देश इस समय साझा युद्धाभ्यास कर रहे हैं।
डेजर्टफलैग नाम रखा गया है इस युद्धाभ्यास का
इस युद्धाभ्यास का नाम डेजर्ट फलैग है। इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के तरफ से छह सुखोई एसयू-30एमकेआई, एक आईएल-78 एयर रिफ्यूलिंग, और दो सी-17 ग्लोबमास्तर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल है।
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भारत और यूएई सहित कई देश है शामिल
यूएई के आसमान में जब भारत के विमान उड़ान भर रहे थे तो वहां से करीब 1700 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में इसकी सुनाई दे रही है। बता दें कि इस युद्धाभ्यास में भारत और यूएई सहित फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की सेना हिस्सा ले रही है। ज्ञात हो कि यह पहला मौका है जब भारत की वायुसेना यूएई में आयोजित किसी युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रही है।
3 मार्च से 27 मार्च तक चलेगी ये युद्धाभ्यास
3 मार्च से 27 मार्च तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में भारत के लड़ाकू विमान अलग-अलग देशों के साथ उड़ान भर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस युद्धाभ्यास को यूएई के अल धाफ्रा एयरबेस पर आयोजित किया जा रहा है। यह वही एयरबेस है, जहां फ्रांस से भारत आते समय राफेल विमानों की पहली खेप ने थोड़े समय तक आराम किया था।
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सऊदी और यूएई भारत के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलने को तैयार
आपको बता दें कि पिछले साल के अंतिम महीने में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचे थे। यह भारत के किसी भी सेना प्रमुख का सऊदी अरब और यूएई का पहला दौरा था। इस दौरान उन्होंने न केवल दोनों देशों के सेना प्रमुखों से मुलाकात की, बल्कि यहां के बड़े स्तर के कई नेताओं के साथ भी बैठकें भी की थी।
यही कारण है कि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने भारत के साथ युद्धाभ्यास करने का निर्णय लिया। ये दोनों देश अब भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर तेजी से काम कर रहे हैं। यही कारण है कि सऊदी और यूएई अब भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है।
पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका है ये युद्धाभ्यास
सऊदी अरब का भारत के साथ सैन्य संबंध बढ़ाना सीधे तौर पर पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका है। अबतक पाकिस्तान अपनी सेना का लालच देकर ही यूएई और सऊदी अरब से खैरात पाता था। लेकिन, पिछले साल कश्मीर को लेकर प्रिंस सलमान की आलोचना करने के कारण पाकिस्तान और सऊदी अरब के संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं।
पाकिस्तान कौड़ियों कामोहताज होने वाला है
पाकिस्तान अबतक सऊदी अरब की सेना को ट्रेनिंग और हथियार मुहैया कराता था। इतना ही नहीं, इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में शामिल मक्का और मदीना की सुरक्षा में भी सऊदी अरब पाकिस्तान का सहयोग लेता है। अब भारत की एंट्री से पाकिस्तान के लिए राह और मुश्किल हो जाएगी। सऊदी को यह पता है कि भारत के साथ संबंध बढ़ाना पाकिस्तान की तुलना में अधिक लाभदायक है। इसलिए, अब पाकिस्तान फिर से कौड़ियों का मोहताज होने वाला है।
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