नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बन रहे अयोध्या के भव्य राम मंदिर के निर्माण में श्रीलंका स्थित सीता एलिया के पत्थर का भी उपयोग किया जाएगा। सीता एलिया के पत्थर को श्रीलंका के उच्च अधिकारी मिलिंडा मोरागोड़ा द्वारा भारत लाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार ऐसा बताय जाता है की सीता एलिया वह स्थान है जहां देवी सीता को बंदी के रूप में लंकापति रावण द्वारा रखा गया था।
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3 साल में तैयार होगा मंदिर
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में अयोध्या के भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखी थी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थस्थल ट्रस्ट को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य सौंपा गया है। श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के लगभग तीन साल पूरे होने की संभावना है।
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निर्माण कार्य में आयी तेजी
उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर निर्माण के कार्य में तेजी आयी है। श्री राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण की नींव खुदाई का काम खत्म हो गया है और पूजा-पाठ के बाद नींव कि भराई का काम भी शुरू हो गया है। ऐसा बताया गया है की अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में माता सीता को भी खास स्थान दिया जाएगा। मंदिर के निर्माण में सीता एलिया का पत्थर भी इस्तेमाल होगा।
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क्या है सीता एलिया
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सीता एलिया श्रीलंका में स्थित वह स्थान है जहां रावण ने माता सीता को बंदी बना कर रखा था। माता सीता को सीता एलिया में एक वाटिका में रखा गया था जिसे अशोक वाटिका कहते हैं। वर्तमान में इस स्थान पर एक मंदिर है, जिसे सीता अम्मन कोविले नाम से जाना जाता है। यह स्थान न्यूराएलिया से उदा घाटी तक जाने वाली एक मुख्य सड़क पर 5 मील की दूरी पर स्थित है।