बालाघाट: धर्मपरिवर्तन, जिले में लंबे समय से रुपये का लालच व मौत का डर बताकर मतांतरण का कार्य किया जा रहा था। इस कार्य के लिए बालाघाट जिले के साथ ही अन्य राज्यों से लोग आ रहे हैं।
वहीं ऐसे मामलों की लगातार शिकायतें करने के बाद मतांतरण करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक स्वतत्रंता अध्यादेश 2020 लागू किए जाने के बाद मतांतरण करने वालों के खिलाफ बालाघाट जिले के लालबर्रा थाने में पहली एफआईआर दर्ज हुई है।
धर्मपरिवर्तन: दिया जा रहा था लालच
लालबर्रा थाना क्षेत्र के बघोली गांव में शासकीय शिक्षक छत्तर सिंह कटरे के घर पर उदल नाथ स्वामी गुजरात निवासी, महेंद्र नागदेवे लांजी निवासी पहुंचे थे। यहां पर नेवरगांव, मानुपर, हिर्री, मानेगांव, बालाघाट समेत अन्य गांवाें के लोग भी पहुंचे थे।
धर्म बदलने के लिए लोगों को बरगला रहे थे
जहां धर्म परिवर्तन कराने वाले लोग अपने अराध्य की फोटो रखकर पूजा कर रहे थे। साथ ही अपना धर्म बदलने के लिए लोगों को बरगला रहे थे। यहां वे मतांतरण के लिए लोगों को दस हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद का लालच दे रहे थे। वहीं ऐसा नहीं करने पर परिवार के एक सदस्य की मौत का डर दिखा रहे थे। मतांतरण का यह मामला लालबर्रा थाने जा पहुंचा है पुलिस ने भी तत्परता से कार्रवाई की है।

इन धाराओं के तहत होगी सजा
लालबर्रा टीआई रघुनाथ खातरकर ने बताया कि बघोली में एक घर पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर मंतातरण के लिए लोगों को गुमराह किया जा रहा था। जिसकी शिकायत मिलने पर मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता दिलीप पटेल की शिकायत पर छत्तर सिंह कटरे, उदलनाथ स्वामी व महेन्द्र नागेदेव के खिलाफ मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की धारा 3,5 व भादवि 506, 34 के तहत अपराध दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया हैं।
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