नई दिल्ली: यूपी में हुए महागठबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद यूपी में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को चुनावी समर में उतार दिया है। फरवरी की 11 तारीख से प्रियंका गांधी राजनीतिक सक्रियता को परिभाषित करना शुरू करेंगी। प्रियंका के मैदान में उतरने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश तो बढ़ा है। जानकारों ऐसा मानते हैं, कि सीटें जीतकर चमत्कार दिखाने के लिए कांग्रेस को एक ठोस रणनीति की जरुरत होगी।
प्रियंका गांधी में उनके कार्यकर्ताओं को इंदिरा गांधी दिखती हैं ये बात अक्सर दावे के साथ कांग्रेसी कहते रहे हैं। प्रियंका की इसी इंदिरा वाली छवि को आगे रखकर कांग्रेस कार्यकताओं ने लखनऊ में उन्होंने एक नई सेना भी खड़ी कर दी है। इंदिरा गांधी की वानर सेना की तर्ज पर राज्य की राजधानी में प्रियंका सेना सामने आई है। गुलाबी रंग की टीशर्ट में इस सेना के 500 कार्यकर्ता प्रियंका के पूरे कार्यक्रम का जिम्मा संभालेंगे।
प्रियंका गांधी के लिए स्लोगन की स्थिति पर अगर नजर डालें तो प्रियंका सेना का स्लोगन है देश के सम्मान में, प्रियंका जी मैदान में। मान भी देंगे, सम्मान भी देंगे। वक्त पड़ा तो जान भी देंगे। प्रियंका सेना के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह जन भावना है। हम सब प्रियंका जी के लिए जान भी देने के लिए तैयार हैं। भारतीय राजनीति में महिलाओं को सम्मान देने की बात कहते हुए कार्यकर्ता कहते हैं । भारतीय राजनीति में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलेगा तो और कहां मिलेगा। सेना के टीशर्ट के गुमाबी रंग की बात करते हुए कहा गया। कि महिलाओं को सम्मान देने के लिए हमने टीशर्ट का रंग गुलाबी चुना।
बता दें कि सोमवार को चार दिन के लखनऊ दौरे पर प्रियंका गांधी जा रही हैं। उनके साथ राहुल गांधी के अलावा ज्योतिरादित्यसिधिंया भी रैली में उपस्थित होंगे। सूत्रों ऐसा कहते है कि, प्रियंका गांधी का काफिला शहर के तीन दर्जन इलाकों से गुजरते हुए हर चौक चौराहों पर प्रियंका का काफिला रुकेगा, जहां वो महापुरुषों की तस्वीरों पर माल्यापर्ण करेंगी।
1917 में 19 नवंबर को जन्मीं इंदिरा भी स्वतंत्रता की इस लड़ाई की गवाह बनीं। उन्होंने महज 13 साल की उम्र में स्वतंत्रता सेनानियों को हर तरह से मदद पहुंचाने के लिए वानर सेना का गठन किया था। यह सेना क्रांतिकारियों तक महत्वपूर्ण सूचनाएं पहुंचाती थी। इस बानर सेना की विशालता के बारे में कहा जाता है कि इस वानर सेना में केवल प्रयागराज से ही पांच हजार सदस्य थे।