नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। करीब 1 घंटे चली इस मुलाकात के दौरान बिहार के विकास को लेकर चर्चा की गई। मुलाकात के बाद बाहर निकले नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार के विकास को लेकर प्रधानमंत्री से चर्चा हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र की मोदी सरकार से बिहार को हमेशा सहयोग मिलता रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।
बिहार के हर क्षेत्र में हुआ विकास का काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में हर चीज की उत्पादकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 15 सालों में बिहार में जो विकास हुआ है वह लोगों के सामने हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार के हर क्षेत्र में विकास का काम हुआ है और अब उसे गति देने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं।
विपक्षी दलों ने सीएम नीतीश पर बोला बड़ा हमला
पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर बिहार के विपक्षी दलों ने सीएम नीतीश पर भी बड़ा हमला बोला। विपक्षी दलों ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से बिहार के लिए विशेष पैकेज और पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग करनी चाहिए थी। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग यह बातें कर रहे हैं उन्हें यह नहीं पता की पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज को एनआईटी हमने बनवाया। और जहां तक विशेष पैकेज और पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग की बात है। वह तो हम करते ही रहते हैं।
नीतीश कुमार ने आरजेडी शासनकाल पर चुटकी लेते हुए कहा कि आज जो लोग यह बातें कह रहे हैं। अपने 15 साल के शासनकाल में उन्होंने यह काम क्यों नहीं कर दिया। किसान आंदोलन पर नीतीश कुमार ने नए कृषि कानून को सही ठहराया। कहा कि अगर कुछ जगह के किसानों को अगर कोई दिक्कत है तो उन्हें बातचीत करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बार-बार अलग से सुविधा देने की भी बात कही जा रही है। प्रदर्शन कर रहे लोगों को केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए।
जनशक्ति पार्टी का पत्ता साफ
बता दें कि कल ही बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। हालांकि कयास अब ये लगाये जा रहे हैं की केंद्रीय मंत्रिमंडल का भी विस्तार हो सकता है। गौरतलब है कि 2019 में ही जेडीयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली थी लेकिन 16 सांसद वाली जेडीयू के दो सांसदों को ही मंत्रिमंडल में शामिल कराया जा रहा था। लिहाजा जेडीयू मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जेडीयू को सम्मानजनक स्थान और अच्छा पोर्टफोलियो दिया जा सकता है। कयास यह भी हैं की केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस बार लोक जनशक्ति पार्टी का पत्ता साफ हो सकता है और जेडीयू के चार सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।