नई दिल्ली: हमेशा बढ़ते अपराधों को लेकर सवालों के घेरे में रहने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस कुछ ऐसा कर गई जिसको लेकर उसकी चारों और तारीफ हो रही है। दरअसल यूपी पुलिस में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने मानवता की वह मिशाल पेश जिसकी हर हर कोई चर्चा कर रहा हैं। हुआ यूं वाराणसी में एक पुलिसकर्मी राकेश सरोज ने एक अजनबी शख्स के 9 दिन के बेटे की जान बचाने के लिए तड़के सुबह 3 बजे रक्तदान किया। राकेश के इस काम की हर तरफ तारीफ हो रही है। यही नहीं, उनके इस कार्य के लिए अफसरों ने उन्हें सम्मानित भी किया है।
बिहार के रहने वाले एक शख्स का 9 दिन का बेटा महमूरगंज इलाके के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट था। इस बीच डॉक्टरों ने नवजात के जाने बचाने के लिए खून चढ़ाने की मांग। पिता तुरंत ही अस्पताल से निकलकर खून लेने आईएमए पहुंच गया। नियमानुसार जितना खून चाहिए उतना डोनेट करना होता है। बेटे की जान बचाने के लिए पिता खून देने के लिए तैयार हो गया लेकिन आईएमए के ब्लड बैंक ने स्वास्थ्य कारणों से खून लेने से मना कर दिया।
बेटे को खून नहीं मिलने पर पिता फूट—फूटकर रोने लगा, जिसे देखकर पुलिसकर्मी राकेश ने उनके रोने का कारण पूछा। जब राकेश को खून के बारे में पता चला तो उन्हें जरा भी समय नहीं लगाया और तुंरत नवजात के लिए रक्तदान किया। बेटे को नया जीवन मिलने के बाद पिता सिपाही का दिल से शुक्रिया अदा किया। वहीं जब बड़े अफसरों को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने राकेश को सम्मानित किया।