नई दिल्लीः ख़ुशख़बरी, दिल्ली की अवैध कालोनियों को नियमित करने वाला बिल संसद के उच्च सदन राज्यसभा से पास हो गया है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कानूनों (विशेष प्रविधानों) के दूसरे (संशोधन) विधेयक-2021 को सदन के पटल पर सोमवार को रखा था। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कानूनों (विशेष प्रविधानों) के दूसरे (संशोधन) अधिनियम, 2020 के स्थान पर सोमवार को यह विधेयक पेश किया था।
ख़ुशख़बरी
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 का अगर कोई मुद्दा था तो यही था की दिल्ली की जितनी भी अवैध कालोनियां होंगी उसके लिए कानून लेकर पास कराया जायेगा। आज वो वादा भी पूरा होते दिख रहा है। सरकारें बदनाम होतीं की हैं की उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया लेकिन दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी भी नहीं उसने दिल्ली वासियों को तोहफा दे दिया।
राष्ट्रपति ने पहले ही घोषणा कर दिया था
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 दिसंबर, 2020 को इस अधिनियम को लागू करने की घोषणा की थी। इसके जरिये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कानूनों (विशेष प्रविधानों) दूसरे अधिनियम, 2011 में संशोधन किया गया था। 2011 का यह अधिनियम 31 दिसंबर, 2020 तक ही वैध था। इस अधिनियम से इसकी समयसीमा बढ़कर 31 दिसंबर, 2023 तक हो गई है। 2011 के इस अधिनियम के जरिये राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 31 मार्च, 2002 तक की अवैध कालोनियों का नियमितीकरण होगा। साथ ही एक जून, 2014 तक जहां कहीं भी निर्माण हुआ है, उसका भी नियमितीकरण होगा।
सरकार अब कानून बनाना चाहती है
अब इस अधिनियम में संशोधन अवैध कालोनियों के नियमितीकरण की पहचान करने के लिए किया जा रहा है ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अवैध कालोनियों के निवासियों के संपत्ति अधिकारों की पहचान) अधिनियम, 2019 और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अवैध कालोनियों के निवासियों के संपत्ति अधिकारों की पहचान) नियमितीकरण, 2019 के जरिये इन संपत्तिधारकों की सही पहचान हो सके। इसलिए 1 जून, 2014 तक मौजूद रही अवैध कालोनियों और 1 जनवरी, 2015 तक 50 फीसद विकास करने वाली कालोनियां नियमितीकरण के लिए उपयुक्त मानी जाएंगी। सरकार अब इस अधिनियम को इस बिल के जरिये कानून बनाना चाहती है।