नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश: जहां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के पहले और दूसरे चरण के लिए कुल 1185.6914 हेक्टेयर निजी का अर्जन और अधिग्रहण होना है। वहीं शासन ने इसके लिए कुल 2890 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी हैं।
इसी के साथ ही 1084 करोड़ रुपये की धनराशि जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर को अवमुक्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सभी सरकारी विभाग इस परियोजना के लिए नागरिक उड्डयन विभाग को अपनी भूमि और परिसंपत्तियां निश्शुल्क देंगे। साथ ही विभागों के बीच भूमि नामांतरण पर निर्धारित शुल्क सहित स्टांप और पंजीयन शुल्क में भी छूट का निर्णय कैबिनेट ने कर है।
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जमीन खरीदने की प्रक्रिया तय
बता दें कि जेवर एयरपपोर्ट के पहले व दूसरे चरण के लिए प्रस्तावित कुल 1363.4543 हेक्टेयर भूमि में से राजस्व अभिलेखों में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज 36.5459 हेक्टेयर भूमि को प्राधिकरण द्वारा नागरिक उड्डयन विभाग को नामांतरण किया जाना है। बताया जा रहा है की राज्यपाल ने जमीन निदेशक नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज किए जाने और इस पर स्टांप एवं पंजीयन शुल्क से छूट के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। वहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के संदर्भ में भू-स्वामियों से आपसी समझौते के आधार पर जमीन खरीदने की प्रक्रिया तय हो चुकी है।
विभिन्न शुल्कों को किया गया मुक्त
अर्जन, अधिग्रहण, क्रय के माध्यम से अंतरण के लिए प्रस्तावित भूमि के बीच पड़ने वाली शासकीय या ग्राम सभा की 124.8214 हेक्टेयर भूमि के प्रक्रिया अनुसार पुनग्रहण और नागरिक उड्डयन विभाग के नाम निश्शुल्क हस्तांतरण का निर्णय हुआ है। इन सब के अलावा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए अर्जन, अधिग्रहण, क्रय, पुनग्रहण, विनिमय को विभिन्न शुल्कों को मुक्त किया गया है। वहीं पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन के लिए जरूरी धनराशि का वास्तविक आकलन जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर से प्राप्त होने पर इसके प्रशासकीय और वित्तीय अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।