नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण काल में आपदा को अवसर में बदलने वालों में ताजनगरी के युवा साफ्टवेयर इंजीनियर कुणाल पसरीचा का नाम भी जुड़ गया है। सरकार ने जब चाइनीज एप पर प्रतिबंध लगाया तो कुनाल को भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने का सही समय लगा। उन्होंने चीनी एप कैम स्कैनर की जगह भारत कैम स्कैनर एप बनाया। महज छह माह में उनके एप को साढे़ छह लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं।
कुणाल पसरीचा ने चीन को दिखाया आइना-
ताजनगरी के शाहगंज केदार नगर निवासी कुणाल पसरीचा पर ने वर्ष 2017 में आगरा के आरबीएस इंजीनियरिंग कालेज से बीटेक किया था। इसके बाद डेढ़ साल तक एक कंपनी में नौकरी की। इसके बाद उन्होंने अपना काम शुरू किया।
ऐसे में जून में भारत सरकार ने 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया। इसमें डाक्यूमेंट को स्कैन करने वाला कैम स्कैनर एप भी था। इस एप का इस्तेमाल स्टूडेंट, सीए और दूसरे प्रोफेशनल करते थे। ऐसे में एप बैन होने से ऐसे लोगों को परेशानी हो रही थी।
निशुल्क है ये ऐप-
कुणाल ने एक जुलाई को चीनी एप की जगह अपना एप बनाने की सोची। इसके लिए उन्होंने अपने पटना निवासी साथी प्रज्ज्वल से बात की। बस इसके बाद उन्होंने एप बनाने का काम शुरू किया। छह दिन की मेहनत के बाद छह जुलाई को उन्होंने एप बना कर गूगल प्ले स्टोर पर लांच कर दिया। कुणाल ने बताया कि उस समय कोई भारतीय स्कैनर एप लांच नहीं हुआ था। हर दिन लाेग इसको डाउनलोड कर रहे हैं। यह एप पूरी तरह निश्शुल्क है।