नई दिल्ली: Ayodhya: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अयोध्या के दौरे पर हैं। इस शहर के संदर्भ में भगवान राम की महत्ता पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं। अयोध्या तो वही है, जहां राम हैं। इस नगरी में प्रभु राम सदा के लिए विराजमान हैं, इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा अन्य की उपस्थिति में एक रामायण संगोष्ठी का आरंभ भी किया गया।
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Ayodhya: रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन
रामकथा पार्क के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “आप सब के बीच अयोध्या में इस रामकथा पार्क में आकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। हम सब रामकथा के महत्व के बारे में जानते हैं। यह कहा जा सकता है कि भारतीय जीवन मूल्यों के आदर्श और उपदेश रामायण में समाहित है। उत्तर प्रदेश सरकार ने रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन कर कला एवं संस्कृति के माध्यम से रामायण को जन-जन तक पहुंचाने का जो अभियान आज शुरू किया है उसके लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम की सरहाना करता हूं।”
(Ayodhya) राष्ट्रपति ने कहा कि अयोध्या का शाब्दिक अर्थ
राष्ट्रपति ने कहा कि अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है, ‘जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो’ रघु, दिलीप, अज, दशरथ और राम जैसे रघुवंशी राजाओं के पराक्रम व शक्ति के कारण उनकी राजधानी को अपराजेय माना जाता था, इसलिए इस नगरी का ‘अयोध्या’ नाम सर्वदा सार्थक रहेगा।
रामायण में दर्शन के साथ-साथ आदर्श आचार संहिता भी उपलब्ध
रामायण कॉन्क्लेव के दौरान उन्होंने कहा कि रामायण में दर्शन के साथ-साथ आदर्श आचार संहिता भी उपलब्ध है जो जीवन के प्रत्येक पक्ष में हमारा मार्गदर्शन करती है। संतान का माता-पिता के साथ, भाई का भाई के साथ, पति का पत्नी के साथ, गुरु का शिष्य के साथ, मित्र का मित्र के साथ, शासक का जनता के साथ और मानव का प्रकृति व पशु-पक्षियों के साथ कैसा आचरण होना चाहिए, इन सभी आयामों पर, रामायण में उपलब्ध आचार संहिता, हमें सही मार्ग पर ले जाती है. रामचरितमानस में एक आदर्श व्यक्ति और एक आदर्श समाज दोनों का वर्णन मिलता है। रामराज्य में आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ आचरण की श्रेष्ठता का बहुत ही सहज और हृदयग्राही विवरण मिलता है।
हनुमानगढ़ी दर्शन और रामलला का दर्शन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अब दोपहर 2.35 बजे से 3.15 बजे तक हनुमानगढ़ी दर्शन और रामलला का दर्शन करेंगे। दोपहर 3.40 बजे विशेष ट्रेन से अयोध्या जंक्शन से लखनऊ के लिए निकलेंगे, शाम 6 बजे लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे और फिर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए निकलेंगे।