बाग़पत : योगी राज में बदमाशों पर सख्ती करने का असर रंग लाया है। एक लाख रुपए के इनामी रहे प्रमोद गांगनौली के परिवार पर पुलिस ने शिकंजा कसा तो सात साल पहले पलायन करने वाला फौजी आज अपने परिवार के साथ गांव लौटा और घर का ताला खोल दिया। मामला जनपद बागपत (Baghpat) के बड़ौत कोतवाली क्षेत्र का है, जहाँ पुलिस की मौजूदगी में फौजी ने अपनी जमीन पर भी कब्जा लिया। फौजी और उसके परिवार ने योगी आदित्याथ जी का धन्यवाद किया है।
Baghpat का प्रवेश राठी भारतीय सेना में है जवान
दरअसल आपको बता दे कि गांगनौली गांव का रहने वाला प्रवेश राठी जयपुर स्थित भारतीय सेना सेवा कौर में जवान है। प्रवेश ने बताया कि रंजिश के कारण वर्ष 2012 से वर्ष 2014 तक उसके माता-पिता, भाई और दो तहेरे भाइयों की हत्या कर दी गई थी। कुख्यात बदमाश प्रमोद और सद्दाम के डर से उसे परिवार के साथ गांव छाेड़ना पड़ा था। एक माह पहले प्रवेश ने आइजी मेरठ प्रवीण कुमार से संपर्क कर गांव लौटने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद पुलिस के आला-अफसरों ने उसे सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए गांव में रहने के लिए कहा था।
पुलिस ने सुरक्षा का आश्वासन देकर खुलवाया घर का दरवाजा
प्रवेश ने बताया कि रविवार को एएसपी मनीष कुमार मिश्र के निर्देश पर एसओ हेमेंद्र बालियान पुलिस बल के साथ उसे, उसकी पत्नी वंदना, बहन बबीता और दो बेटों को साथ लेकर गांव में पहुंचे। पुलिस मौजूदगी में उसने अपने मकान का ताला खोला। उसके बाद अपनी 14 बीघा कृषि भूमि पर ट्रैक्टर चलाकर कब्जा लिया। सीओ आलोक सिंह ने बताया कि सात साल पहले गांव छोड़कर गए प्रवेश को सुरक्षा का आश्वासन देकर उसके घर का ताला खुलवाया और कृषि भूमि पर कब्जा दिलाया है। कुख्यात प्रमोद राठी और सद्दाम राठी ने सिल सिलेवार प्रवेश के पांच परिजनों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद वह घर छाेड़कर चला गया था। सद्दाम की अपने ही तमंचे से मौत हो चुकी है जबकि प्रमोद की हत्या कर दी गई थी।