नई दिल्ली: PM Modi on Hindi Diwas: हिंदी उन भाषाओं में से एक है जो भारत सहित कई अन्य देशों में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ‘सभी के प्रयासों से यह भाषा वैश्विक मंच पर लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है।
पीएम ने ट्वीट कर दी बधाई
हिंदी दिवस की बधाई देते हुए पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘आप सभी को हिंदी दिवस की ढेरों बधाई। हिंदी को एक सक्षम और समर्थ भाषा बनाने में अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। यह आप सबके प्रयासों का ही परिणाम है कि वैश्विक मंच पर हिंदी लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है।’
आप सभी को हिन्दी दिवस की ढेरों बधाई। हिन्दी को एक सक्षम और समर्थ भाषा बनाने में अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। यह आप सबके प्रयासों का ही परिणाम है कि वैश्विक मंच पर हिन्दी लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2021
14 सितंबर 1949 को बनी थी राजभाषा
बता दें, हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा में दर्जा दिया गया था, जिसके बाद इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। महात्मा गांधी ने कहा था कि ‘हिंदी जनमानस की भाषा है और इसे देश की राष्ट्रभाषा बनाने की सिफारिश भी की थी, संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था, लेकिन 1949 में 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। हालांकि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था।
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दुनिया में हिंदी चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज दुनिया में हिंदी चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है। दुनियाभर में हिंदी बोलने वालों की संख्या करीब 75-80 करोड़ है। भारत में करीब 77 प्रतिशत लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते तथा समझते हैं। हिन्दी के प्रति दुनिया की बढ़ती चाहत का एक नमूना यही है कि आज विश्व के करीब 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाती है।
भारत के अलावा, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, युगांडा, पाकिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और कनाडा जैसे सभी देशों में हिंदी बोलने वालों की एक बड़ी संख्या है। इसके अलावा इंग्लैंड, अमेरिका, मध्य एशिया में भी इस भाषा को बोलने और समझने वाले अच्छे लोग हैं।