Bhopal Gas Tragedy : एक हादसा, जिसने छीन ली 15 हज़ार लोगों की जिंदगियां
नई दिल्ली : आज से 35 साल पहले एक ऐसी घटना हुई जिसे भूल पाना हर शख्स के लिए बहुत ही मुश्किल है। आज ही से 35 साल पहले यानि 3 दिसंबर 1984 में भोपाल (Bhopal) में एक बहुत ही खतरनाक घटना हुई थी। इस घटना को भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) कहा जाता है। भोपाल गैस त्रासदी एक ऐसी घटना थी, जो आज भी लोगों का दिल दहला देती हैं। बता दें कि भोपाल के यूनियन कार्बाइड कंपनी के कारखाने में ज़हरीली गैस (मिथाइल आइसोसाइनाइ ) गैस का रिसाव का रिसाव हुआ था। इस गैस का उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता है।
Bhopal Gas Tragedy में हुई थी 15 हज़ार लोगों की मौत
बता दें कि इस त्रासदी में करीब 15000 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इनमें से 8000 लोगों की मौत तो सिर्फ दो हफ्ते के अंदर ही हो गई थी। इस घटना से न जाने कितने लोग शारीरिक अपंगता और अंधेपन का शिकार हो गए थे। इस घटना के बाद जो बच्चे पैदा हुए वे किसी न किसी बीमारी से पीड़ित निकले या शारीरिक रूप से अपंग पैदा हुए।
- Bhopal Gas Tragedy के सालों बीत जाने के बाद भी जिन्दा असर
- सालों बाद भी शारीरिक तौर पर अपंग बच्चे पैदा होते रहे
- Bhopal Gas Tragedy के पीड़ित अब भी जी रहे हैं अपंगों वाली जिन्दगी
भोपाल गैस कांड में कई सारी फिल्में जैसे कि भोपाल एक्सप्रेस, भोपाल ए प्रेयर फॉर रेन, द यस मेन फिक्स द वर्लड, वन नाइट इन भोपाल जैसी फिल्म बनाई गई हैं। वहीं इसके साथ ही बता दें कि अब्दुल जब्बार ऐसे शख्स थे जिन्होंने लाखों लोगों को एक नई ज़िंदगी दी। बता दें कि अब्दुल जब्बार ऐसे शख्स थे, जिन्होंने भोपाल त्रासदी में पीड़ितों को न्याय दिलाने के काफी लंबी लड़ाई लड़ी थी। अब्दुल जब्बार का हाल ही में निधन हो गया है। अब्दुल अब्दुल जब्बार एऩजीओ के ज़रिए भोपाल गैस त्रासदी में पीड़ित परिवारों की मदद करते थे।